उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग में शुक्रवार से कृषि अभियांत्रिकी कोर्स की शुरूआत की गई है। कृषि में बढ़ते अवसरों को देखते हुए यह नया कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया था। इस पाठ्यक्रम में लगभग तीस हजार रुपए फीस के साथ 60 सीट की घोषणा की गई है, इसमें प्रवेश की लिंक भी जल्द खोल दी जाएगी। पूर्व में जिन विद्यार्थियों ने बीएससी एग्रीकल्चर में प्रवेश के लिए आवेदन कर दिया है, वे भी एक आवेदन देकर बी.टेक. कृषि में बिना अतिरिक्त फीस के अपना ट्रांसफर करवा सकते हैं।
शुक्रवार को विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा जयंती पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा शामिल हुए। एसओईटी ने निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार ने कार्यक्रम की पीठिका प्रस्तुत की। परिसंवाद को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि देवशिल्पी विश्वकर्मा ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विकास में अविस्मरणीय योगदान दिया है। नए दौर में भारतीय ज्ञान परंपरा की विशेषताओं पर अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान की आवश्यकता है। कुलपति प्रो. पांडेय द्वारा इसी कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग
संस्थान में नए कोर्स कृषि अभियांत्रिकी को प्रारम्भ करने की घोषणा की। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, संस्थान के निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार एवं कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने भगवान विश्वकर्मा का पूजन कर सभी मशीनों और लैब उपकरणों की पूजा की।