कहां खुलेगा मेडिकल कॉलेज: उत्तर या दक्षिण…?

Naresh Ginning mill jamin

उज्जैन, अग्निपथ। शहर में मेडिकल कॉलेज आखिर कहां पर बनेगा? उत्तर विधानसभा या दक्षिण? इस यक्ष प्रश्न का जवाब फिलहाल किसी भी जनप्रतिनिधि के पास नहीं है। बस…मुख्यमंत्री से घोषणा करवाकर, उसका श्रेय सोशल मीडिया पर लूटकर, सभी इसको भूल गये हैं। मई माह में घोषणा हुई थी। उज्जैन में भी खुलेगा शासकीय मेडिकल कॉलेज।

5 महीने पहले, 19 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान उज्जैन आये थे। संभाग स्तरीय कोविड समीक्षा की बैठक लेने। तब बैठक में मौजूद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक उत्तर पारस जैन ने एक स्वर में मेडिकल कॉलेज की मांग रखी थी। जनप्रतिनिधियों की मांग को मुख्यमंत्री ने आखिरकार मान लिया था। नतीजा उन्होंने घोषणा कर दी थी।

होड़…

विदित रहे कि 19 मई को जैसे ही मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी। उसी दिन सोशल मीडिया पर, कालेज खुलवाने का श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई थी। अगर यकीन नहीं आता है तो 19 मई की सोशल मीडिया पर अपलोड की गई पोस्टें देखी जा सकती हैं। उसके बाद श्रेय लेने वाले सभी भूल गये। आखिर…मुख्यमंत्री की घोषणा पर कितना अमल हुआ।

जमीन चयनित…

Naresh Ginnig mill par medical collage
जीनिंग फैक्ट्री की इस जमीन से अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज के लिए पसंद किया है।

भले ही श्रेय लेने वाले जनप्रतिनिधि, इस मामले को भूल गये। किन्तु प्रशासनिक मशीनरी धीरे-धीरे अपना काम करती रही। हमारे राजधानी के सूत्रों का कहना है कि…मेडिकल कॉलेज खोलने से पहले, संबंधित टीम का पिछले दिनों दौरा हो गया। यह दौरा गोपनीय था। टीम के सदस्यों ने जमीन देख ली। उनको उत्तर विधानसभा क्षेत्र में स्थित जमीन पसंद आ गई है।

यह जमीन नरेश जीनिंग फैक्ट्री की है। जो कि करीब 23.50 बीघा है और शासकीय भी है। प्रशासन ने 21 जनवरी 2021 को इस पर कब्जा लिया था और बोर्ड लगाया था। यहां यह लिखना जरूरी है कि…नियमानुसार मेडिकल कॉलेज के लिए शासकीय अस्पताल 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिये। इस जमीन से चरक अस्पताल नजदीक ही है।

4 अरब की जमीन…

सर्वविदित है कि आगर रोड, गाड़ी अड्डा के पास नरेश जीनिंग फैक्ट्री स्थापित थी। जो कि बंद हो गई। जनवरी माह में तत्कालीन एडीएम नरेन्द्र सूर्यवंशी ने इस पर कब्जा लिया था। यह जमीन छगनलाल पिता पांचूमल को उद्योग के लिए दी गई थी। 4.9 हे., लगभग 23.50 बीघा जमीन है। सर्वे नं. 1359/1…3.941-1359/2 व 1359/3…0.993.. कुल 4.934 हेक्टेयर जमीन है। जिस पर अगर सबकुछ ठीक रहा और राजनीति के चलते…उत्तर- दक्षिण का लफड़ा नहीं पैदा हुआ। तो मेडिकल कॉलेज खुलेगा। इस जमीन की कीमत तत्कालीन एडीएम ने 400 करोड़ रुपये बताई थी।

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