नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच पर निकले किसान सातवें दिन उग्र हो गए हैं। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर उन्होंने बैरिकेड्स गिरा दिए। वे दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं। मंगलवार को सिंधु और टिकरी बॉर्डर के साथ-साथ नोएडा चिल्ला बॉर्डर को भी सील कर दिया गया। चिल्ला बॉर्डर की ओर से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठन के नेताओं और केंद्र सरकार के बीच बातचीत हुई, लेकिन इसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अब तीन दिसंबर को एक बार फिर वार्ता होगी।
वार्ता से पहले बुधवार सुबह 11:15 बजे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल अमित शाह के निवास पर चर्चा के लिए पहुंचे.
यूपी गेट पर किसानों ने केंद्र सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए शुरू किया हवन
केंद्र सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए यूपी गेट पर प्रदर्शनरत किसानों ने बुधवार सुबह हवन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि उनकी मंशा है कि इस हवन से सरकार होश में आए और उनकी मांगें मानते हुए कृषि कानूनों को वापस ले ले।
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों को मनाने की कोशिश हुई विफल
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर बैठे किसानों से वार्ता के लिए सुबह करीब 11.00 बजे ग्रेटर नोएडा के डीसीपी राजेश कुमार सिंह पहुंचे। उन्होंने किसानों से एक तरफ का रास्ता खोलने का आग्रह किया। इस पर किसान यूनियन के पदाधिकारी बोले, हम खुद नहीं रुके बॉर्डर पर हमें रोका गया है। हमें दिल्ली जाने दें। इस पर डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह ने कहा कि जनता की परेशानी भी समझें, पार्क में पुलिस प्रशासन किसानों के बैठने का पूरा इंतजाम करेगा। इन सब बातों के बाद भी किसान सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए और दिल्ली जाने पर डटे रहे। किसानों ने पुलिस से दो टूक बात कही कि, रास्ते हमने बंद नहीं किए हैं। दिल्ली जाने का रास्ता खोल दें हम जाने को तैयार हैं और इसके बाद किसानों ने रास्ते से हटने से मना कर दिया।