देवास। एक करोड़ का क्लेम लेने के लिए एक जिंदा युवक दस्तावेजों में मृत घोषित हो गया। आरोपी ने अपने बेटे की मदद से नगर निगम से मृत होने का प्रमाण पत्र बनाकर संबंधित जीवन बीमा कंपनी ब्रांच को दिया। जब बीमा कंपनी को शक हुआ तो उन्होंने कोतवाली पुलिस को एक आवेदन दिया।
उसके बाद पुलिस ने जांच की तो मामला सामने आया। फिलहाल पुलिस ने मामले से जुड़े चार आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करके दो आरोपियों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
दरअसल आरोपी अब्दुल हनीफ निवासी एकता नगर इटावा ने 2 मई 2019 को एक करोड़ रुपए की जीवन बीमा पॉलिसी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंश की तारानी कॉलोनी स्थित शाखा से ऑनलाइन ली थी। जिसकी सालाना किश्त लगभग 40 हजार रुपए बैंक द्वारा तय की गई थी। जिसके चलते अब्दुल हनीफ ने मासिक रूप से 4-4 हजार की दो किश्ते इंश्योरेंश कंपनी में जमा कर दी थी।
2019 में सितंबर में अब्दुल हनीफ के पुत्र इकबाल ने अपने पिता को मृत बताकर नगर पालिका निगम में मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन दिया। इसमें इकबाल द्वारा एक डॉ. शाकिर मंसूरी निवासी लक्ष्मीनगर स्टेशन रोड जो की एयूएमएस है, जिससे फर्जी दस्तावेजों पर साइन करवाई और उसके बाद नगर निगम से फर्जी दस्तावेज देकर मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाया।
इसके बाद बीमा कंपनी को मृत्यु प्रमाण-पत्र सहित अन्य दस्तावेज देकर जालसाजी करने का पुरा षड्यंत्र रचा गया। इसमें आरोपी का बेटा इकबाल व पत्नी रेहाना सहित डॉ. शाकिर शामिल थे। इस मामले को लेकर जब बीमा कंपनी को आशंका हुई तो उन्होंने मामले को लेकर कोतवाली थाने में आवेदन दिया। जिसकी जांच सब-इंस्पेक्टर पवन यादव द्वारा की गई।
2 साल बाद पूरे मामले में अब तक फरार रहे मृतक अब्दुल हनीफ स्वस्थ मिले और पुलिस ने उन्हें डॉक्टर के साथ गिरफ्तार कर लिया।
मां-बेटा फरार
इसे मामले में एएसआई पवन यादव ने बताया कि अभी तक कुल चार आरोपियों में से दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जबकि आरोपी अब्दुल का बेटा इकबाल व उसकी मां रेहाना फरार हैं, जिसकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। थाना कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।