तीन स्तर पर बनेंगी समितियां, गोद लेने का विज्ञापन भी कर सकेंगे
उज्जैन, अग्निपथ। पिछले लंबे वक्त से नगर निगम खराब आर्थिक हालत की वजह से शहर के बगीचों से अपना पिंड छुड़ाने की जुगत में लगी है। कुछ वक्त पहले नगर निगम में शहर के बगीचों को ठेके पर देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, टेंडर हुए लेकिन किसी फर्म ने रूची ही नहीं ली। अब नया फंडा लाया गया है, बागीचों को गोद देने का तय किया गया है कि तीन तरह की समितियों का निर्माण कर बगीचों का रख-रखाव उनके जिम्मे किया जाएगा।
नगर निगम ने कॉलोनी उद्यान निगरानी समिति, उद्यान को गोद लेने वाली समिति और नवीन उद्यान के निर्माण व संधारण करने वाली समिति का प्रारूप बनाया है। तीनों तरह की समितियों के अलग-अलग दायित्व होंगे। कुल जमा यह प्रस्ताव कहता है कि नगर निगम अपनी तरफ से बगीचों के रख-रखाव की जिम्मेदारियों से मुक्त होकर इसका भार नागरिकों पर ही डालने के प्रयास में है। नगर निगम ने यह भी तय किया है कि तीनों प्रकार की समितियां उद्यान के जरिए किसी तरह की शुल्क वसूली नहीं कर सकेगी। यह भी तय किया गया है कि बगीचों में प्रकाश व्यवस्था का भुगतान नगर निगम द्वारा ही किया जाएगा। गोद दिए गए बगीचों में किसी तरह के सामाजिक, धार्मिक व राजनैतिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे। उद्यानों का संचालन संधारण तो समितियों के पास रहेगा लेकिन उद्यान की किसी संपत्ति पर समिति का अधिकार नहीं होगा। हर रोज के संधारण में लगने वाले उपकरण समितियों को ही खरीदने होंगे।
ऐसा होगा समितियों का स्वरूप
1- कालोनी उद्यान निगरानी समिति- मोहल्ला, कालोनी के लोगों की समिति बनेगी, पहले से स्थापित उद्यान में पौधारोपण, खेल उपकरण, कुर्सीयां, पानी की मोटर, नियमित संधारण, निर्माणकार्य नगर निगम कराएगी। समितियों के सदस्य पौधो व उपकरणों की सुरक्षा करेंगे।
2- उद्यान को गोद लेने वाली समिति- पहले से विकसित उद्यान को गोद दिया जा सकेगा। गोद लेने वाली समिति हर रोज का संधारण कार्य करेगी। सफाई का जिम्मा भी समिति का होगा। उपकरण टूटने-फूटने, नए पौधारोपण, पानी की मोटर का संधारण जैसे काम भी उद्यान गोद लेने वाली समिति को करना होंगे। गोद लेने वाली समिति यहां अपना साइन बोर्ड भी लगा सकेगी।
3- नवीन निर्माण व संधारण समिति- अविकसित उद्यान या खुली जगह पर नए उद्यान के निर्माण के लिए समिति को सौंपा जा सकेगा। उद्यान का जिम्मा लेने वाली समिति उद्यान का नाम किसी व्यक्ति या संस्था के नाम से रख सकेगी। यहां प्रतीक चिन्ह भी स्थापित किया जा सकेगा।
उद्यान में खेल उपकरण,पानी की टंकी, पौधा रोपण, कुर्सी, हर रोज का संधारण सारे काम समिति को अपने व्यय से करना होंगे। इसी व्यवस्था के तहत शहर में रोटरी, डिवाईडर, कार्नर व फांउटेन का भी विकास किया जा सकेगा। संबंधित निर्माणकर्ता समिति यहां अपना विज्ञापन भी कर सकेगी।