नागदा जं. निप्र। शहर में संचालित दर्जनों सर्विस सेंटरों पर खतरनाक रसायनों का परिवहन करने वाले टेंकरों को खुलेआम पानी से धोया जा रहा है तथा उक्त विषेला पानी सीधे भूमिगत जलस्त्रोंतों एवं तालाब आदि में मिल रहा है। जिससे क्षेत्र का भूमिगत जल एवं पेयजल स्त्रोत लगातार प्रदूषित हो रहे हैं।
शहर में नगर पालिका द्वारा किए जाने वाले पेयजल वितरण की गुणवत्ता पर इसी बात से विश्वास लगाया जा सकता है कि शहर में प्रतिदिन 4 हजार पानी की कैन नागरिकों द्वारा पीने के लिए खरीदी जाती हैं, ऐसे में शहर के पेयजल स्त्रोतों में लगातार हो रहे प्रदूषण से नागरिक अब परेशान हो चले हैं।
दो दर्जन सर्विस सेंटरों का दूषित सीधे मिल रहा पेयजल स्त्रोतों में
शहर में इंगोरिया रोड, महिदपुर रोड, खाचरौद रोड, बायपास एवं औद्योगिक क्षेत्र दुर्गापुरा में लगभग दो दर्जन के करीब सर्विस सेंटरों पर प्रतिदिन 50 से 100 टेंकर पानी एवं विभिन्न केमिकलों से धोऐ जाते हैं। उक्त टैंकरों में हजारडस्ट वेस्ट (खतरनाक केमिकल) का परिवहन होता है।
यहॉं यह उल्लेखनीय है कि टेंकरों में हजारडस्ट वेस्ट को भरकर परिवहन किया जाता है तथा कोई अन्य केमिकल भरने से पूर्व टेंकर को सर्विस सेंटर पर उसकी सफाई की जाती है, जिसके चलते उसमें पूर्व में बचा हुए केमिकल पानी के साथ खुले में छोड दिया जाता है तथा वह सीधे भूमिगत जलस्त्रोतों तक पहुंच जाता है।
इतना ही नहीं कई सर्विस सेंटर तो शहर में पेयजल वितरण करने वाले स्त्रोतों के समीप ही स्थित है जिसमें बनबना तालाब एवं चंबल नदी प्रमुख है। ऐसे में जिन स्थानों से शहर में पेयजल वितरण होता है उक्त दूषित पानी सीधे तालाब एवं नदी में मिल रहा है तथा नपा द्वारा किए जाने वाले पेयजल वितरण के साथ ही लोगों के घरों तक भी पहुंच रहा है।
पूर्व में नपा ने की थी कार्रवाई
गौरतलब है कि पूर्व में प्रदूषण विभाग के उपक्षेत्रिय अधिकारी ने नगर पालिका के अधिकारी को यह अवगत कराया था कि आपके क्षेत्र में अनेकों अवैध रूप से सर्विस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, जिसका पानी नाले से होकर नदी में मिल रहा है। सर्विस सेंटरों से निकलने वाले दूषित जल के कारण पेयजल स्त्रोतों में प्रदूषण का घनत्व काफी बढ गया है।
नपा द्वारा प्रदूषण विभाग की रिर्पोट पर एक टास्क फोर्स का गठन भी ततसमय किया गया था तथा इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए अधिकारियों को भी तैनात किया गया था। नपा द्वारा सर्विस सेंटर संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए थे, नोटीस में आगामी दिनों में सर्विस सेंटरों को पूर्ण रूप से बंद कर देने की हिदायत भी दी गई थी। परन्तु सर्विस सेंटर संचालक नगर पालिका की इस कार्रवाई को भी घोल कर पी गए।
करोड़ों खर्च कर उद्योग ने बनाया झेडएलडी प्लांट
गौरतलब है कि पूर्व में नदी एवं तालाब के प्रदूषण को लेकर हमेशा उद्योगों पर इस पूरे मामले को ढोल दिया जाता था। लेकिन वर्तमान में झेडएलडी प्लांट स्थापित होने से उद्योग से निकलने वाले नाले में कोई जल नहीं छोड़ा जा रहा है, बावजुद इसके प्रदूषण का घनत्व कम नहीं हो रहा है। ऐसे में यह स्पष्ट हो चुका है कि सर्विस सेंटर एवं अन्य स्थानों से प्रदूषित मात्रा में केमिकल छोड़े जाने के कारण ही चंबल नदी प्रदूषित हो रही है।