आरटीओ की कार्रवाई से ऑटो रिक्शा वालों में हडक़ंप, कई गाडिय़ां थाने में जमा
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में संचालित होने वाले सीएनजी ऑटो रिक्शा के चालक पिछले तीन दिन से खौफ में जी रहे हैं। कई ऑटो चालकों ने तो अपनी ऑटो रिक्शा को खड़ा ही कर दिया है।
वजह है पिछले 3 दिनों से जारी आरटीओ की मुहिम, 3 दिन में आरटीओ के अमले ने 150 से ज्यादा ऑटो रिक्शा जब्त कर विभिन्न थानों में खड़ी करवा दी है। ऐसे भी उदाहरण सामने आए है जिनमें परमिट, बीमा पर 10 हजार खर्च हुए लेकिन जुर्माना ही 35 हजार रूपए लगा दिया गया। ऑटो वाले कहते है, ऐसे हालात रहे तो ऑटो चलाना ही बंद करना पड़ जाएगा।
कहने को यह कार्रवाई हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के तहत की गई लेकिन इसका दूसरा पक्ष भी है। आरटीओ संतोष मालवीय की अगुवाई वाली टीम ने नानाखेड़ा, देवासगेट बस स्टेंड क्षेत्र में सीएनजी चलित ऑटो रिक्शा की जांच का अभियान छेड़ा।
इस अभियान का असर यह रहा कि हमेशा ऑटो रिक्शा से पटे रहने वाले रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड के पार्किंग पर अब इक्का-दुक्का ही ऑटो वाले पहुंच रहे है। बाकी लोगों ने अपनी ऑटो घर पर ही खड़ी कर दी है।
कहां से लाएं 10 हजार
कोरोना के बाद लगभग डेढ़ साल में अब जाकर कुछ धंधा होने लगा है। कई लोग इस अवधि में ऑटो का बीमा भी नवीनीकृत नहीं करवा पाए। कुछ फिटनेस नहीं करवा पाए। फिटनेस और बीमा में ही 10 हजार रूपए खर्च हो रहे है। पहले घर चलाए या फिटनेस-बीमा की रकम का इंतजाम करे। – जाकिर हुसैन, गांधी नगर
हमारे एक साथी अंशुल माली की ऑटो जब्त हुई, गुरुवार को ही उसने फिटनेस, बीमा पर 10 हजार रूपए खर्च किए, अब उससे 35 हजार रुपए जुर्माना मांगा जा रहा है। पिछले 2 साल में 45 हजार तो कमाएं भी नहीं, इतनी रकम कहां से लाएगा। – सिराजुद्दीन, लोहे का पुल
कागज कंप्लीट है तो दिक्कत की कोई बात नहीं, लेकिन अधिकारियों को यह भी समझना होगा कि कागज कंप्लीट किन वजहों से नहीं है। ऑटो रिक्शा चालकों को कुछ वक्त देना चाहिए था। – मुकेश राठौर, मालीपुरा
जुर्माने की रकम 8 से 10 हजार रुपए मांगी जा रही है। इतनी रकम का इंतजाम करने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। पूरे कोरोनाकाल में ऑटो चालक कर्ज लेकर ही काम चलाते रहे। अब नया कर्ज कहां से लाएंगे। – माधवसिंह पंवार, अंकपात