लॉज, धर्मशाला के लिए लाइसेंस अनिवार्य निगम अधिकारियों को ही पता नहीं नियम

नगर निगम

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम की कारगुजारियां अक्सर शहर में चर्चाओं में बनी रहती है। नगर निगम ने लगभग एक साल पुराना राज्यशासन का एक आदेश निकालकर अब फरमान जारी किया है कि शहर में लॉज, होटल, धर्मशाला, गार्डन और मांगलिक परिसर का संचालन करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा। जिनके पास लाइसेंस नहीं होगा, उनके खिलाफ जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी।

खास बात यह है कि खुद लाइसेंस शाखा के प्रभारी को ही यह नहीं मालूम है कि लाइसेंस लेने के लिए कौन से दस्तावेज जमा कराना होंगे, कितना शुल्क लगेगा।

विवाह स्थल पंजीयन एवं उपभोग आदर्श उपविधि 2020 को लागू हुए लगभग एक साल बीत चुका है। पिछले एक साल से नगरनिगम उज्जैन में इस पर कोई काम नहीं हुआ। हाल ही के दिनों में नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता के संज्ञान में आया कि विवाहस्थल पंजीयन के जरिए भी नगर निगम की आय बढ़ाई जा सकती है।

आयुक्त ने निर्देश जारी किए और नगरनिगम ने विवाह स्थल पंजीयन की सूचना जारी कर दी। नगर निगम की ओर से जारी अधिकृत सूचना में बताया गया है कि विवाह स्थल पंजीयन प्राप्त करने के लिए होटल, लॉज, धर्मशाला, मांगलिक परिसर, गार्डन संचालकों को नगर निगम के 219 नंबर कक्ष में आवेदन करना होगा। खुद नगर निगम की लाइसेंस शाखा के प्रभारी ही यह नहीं जानते है कि विवाह स्थल पंजीयन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज आवेदन के साथ लगाना होंगे।

जरूरी होगी फायर एनओसी, भवन अधिकारी करेंगे निरीक्षण

विवाहस्थल पंजीयन एवं उपभोग आदर्श उपविधि के तहत केवल पंजीकृत स्थलों पर शादी-ब्याह जैसे भीड़ भरे आयोजन किए जा सकते है। पंजीयन के लिए विवाहस्थल की जमीन के स्वामित्व के दस्तावेज, डायवर्शन की जानकारी देना होगी। विवाहस्थल की अधिकृत एजेंसी से फायर एनओसी लेना होगी, मौके पर आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करना होंगे।

इसके अलावा नगर निगम के भवन निरीक्षक मौके की स्थिति जांचकर निर्माण पर अपनी रिपोर्ट भी देंगे। जनसुरक्षा के मद्देनजर इस रिपोर्ट को विवाह स्थल पंजीयन के लिए अनिवार्य किया गया है।

जिन्हें देना है लाइसेंस देखिए खुद उनके हाल

  • सवाल- यदि किसी व्यक्ति को विवाहस्थल पंजीयन कराना है तो उसे कौन से दस्तावेज नगर निगम में जमा कराना होंगे?
    जवाब- वो लंबी लिस्ट है, अभी मुझे कुछ ध्यान नहीं आ रहा है।
  • सवाल- अच्छा ये बता दिजिए, लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कितने रूपए शुल्क के रूप में लगेंगे?
    जवाब-वो अलग-अलग स्लैब में है। कागज देखकर ही बता पाउंगा।
  • सवाल- विवाह स्थल पंजीयन का आदेश एक साल पुराना है, अब तक कितने पंजीयन किए?
    जवाब- इसकी जानकारी नहीं है।
  • सवाल- पंजीयन के लिए जब कुछ स्पष्ट ही नहीं है तो इसे अनिवार्य क्यों कर रहे है?
    जवाब-कमिश्नर साहब का आदेश है।
    (जवाब ननि लाइसेंस शाखा प्रभारी विक्रम सिंह पंड्या के)

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