सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर रहे लोग
बडऩगर,अग्निपथ। कोरोना की तीसरी लहर ने शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में 10 जनवरी से दस्तक दी थी। जिसके बाद से छूटपूट – छूटपूट शहर व ग्रामीण क्षेत्रों से कोरोना मरीजो में बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि प्रशासन द्वारा कोरोना को रोकने के लिए मशक्कत की जा रही है। लोगों से मास्क पहनने व भीड़ से बचने की अपील की जा रही है। जिसका असर आमजनों पर कम ही देखने को मिल रहा है।
वर्तमान में शादी – विवाह का सिजन चल रहा जहां लोग तो सिमित संख्या में दिखाई दे रहे है किन्तु मास्क का उपयोग हर कोई नही कर पा रहे है। विभिन्न कार्यक्रम में लोगो का आवागमन हो रहा है। ऐसे में कोरोना मरीजो की संख्या और बढ़ सकती है। प्रशासन का रोको टोको अभियान जारी है। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर लोगो के कोरोना टेस्ट भी किये जा रहे है।
कोरोना की तीसरी लहर की क्षेत्र में 10 जनवरी को शुरुआत हो चुकी थी। जिसके बाद शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की जांच में लगातार कोरोना मरीजो की संख्या बढ़ रही है। प्रारंभ में एक , दो की शुरुआत हुई थी जो गुरूवार को अधिक संख्या में बदली है। कोरोना मरीजों ने धमाका किया जिसमें एक साथ 8 मरीज आने से चिंता की लकीरे उभरी है।
वैसे आठों मरीज ग्राम चिरोला से है, जो अलग-अलग परिवार से है। जहाँ एक व्यक्ति बाहर से आया था वह भी जांच में कोरोना पॉजीटिव पाया गया है। इस प्रकार अब तक कुल 26 मरीज क्षेत्र में पाये गये है। जिसमें से 21 ग्रामीण व 5 शहरी है। हाल फिलहाल 16 मरीज एक्टीव है।
वहीं 10 मरीज उपचार के बाद होम आईसोलेशन में उपचाररत रहकर खतरे से बहार आ चुके है। हाल फिलहाल 16 मरीजो ( चिरोला सहीत 8 मरीज ) में 15 ग्रामीण है व 1 शहरी है जिनका उपचार चल रहा है।
होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे मरीज
शासकीय अस्पताल के प्रभारी मेडिकल आफिसर डॉ. सुयश श्रीवास्तव ने बताया मरीजों की संख्या बढ़ रही है। किन्तु फिलहाल डर की कोई बात नहीं है। तीसरी लहर में मरीज सामान्य श्रेणी के है जिनका उपचार होम आइसोलेशन में ही किया जा रहा है। आरआरटी टीम मरीजों के यहां पहुंच रही है। जिनके द्वारा दिशा निर्देश के साथ दवाई दी जा रही है।
अभी तक 10 मरीज को दवाई देकर ठीक किया गया है। इस बार अभी 7 दिन का कंटेनमेंट है जिसमें होम क्वारेंटाईन किया जा रहा है। वैसे मरीज तीन दिनों में ही ठीक हो रहे है। फिर भी उन्हे नियमानुसार 7 दिन के लिए घर पर ही रहने की सलाह दी जा रही।
डॉ सुयश ने कहा यदि इस तरह का ही जोर रहा तो तीसरी लहर में आक्सीजन प्लांट की जरूरत नही पड़ेगी। तकनीकी खराबी में भी हमारे पास इमरजेन्सी में आक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था है। मरीजो को परेशानी नही आने दी जावेगी।