हेराफेरी की आशंका, एसी, सोलर पैनल, फर्नीचर सहित अन्य सामानों की सूची तलब करे मंदिर प्रशासन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत मंदिर के अन्न क्षेत्र सहित महाकाल धर्मशाला, महकाल प्रवचन हाल और कंट्रोल रूम को डिस्मेंटल किया गया है। इसमें उपयोग किए गए सामानों की सूची मंदिर प्रशासन को तलब करनी चाहिए क्योंकि इन सामानों की हेराफेरी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। पूर्व में भी इस तरह के मामले हो चुके हैं।
महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत सबसे पहले मंदिर के अन्न क्षेत्र को डिस्मेंटल किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में फर्नीचर सहित रसोई में काम आने वाले सामान को नए अन्न क्षेत्र में पहुंचा दिया गया था। इसके बाद कंट्रोल रूम को डिस्मेंटल किया गया था। यहां से निकाला गया फर्नीचर और एसी आदि सामान को सूचीबद्ध नहीं किया गया और बाले बाले फेसिलिटी सेंटर में बनाए गए नए कंट्रोल रूम में पहुंचा दिया गया।
इसी तरह से पुराने महानिर्वाणी अखाड़े की छत पर लगी हुई सोलर पैनल को भी यहां से निकाला गया था। यहां कहां पर रखी हुई है यह तो मंदिर प्रशासन ही जाने। इसी तरह से महाकाल धर्मशाला में भी फर्नीचर एसी, पलंग सहित ढेरों रोजमर्रा में इस्तेमाल में की गई सामग्री निकाली गई थी। यह सामग्री कहां पर रखी हुई ह ैऔर इसकी सूची किस शाखा के पास है।
इसी तरह से महाकाल प्रवचन हाल को भी डिस्मेंटल किया जा रहा है। यहां से भी सामान बड़ी संख्या में निकला है। इसकी सूची भी किस शाखा के पास है। इसका भौतिक सत्यापन मंदिर प्रशासन को करवाना चाहिए।
निकले हुए सामान पहुंच जाते हैं घर
जानकारी में आया है कि घरों में उपयोग की जाने वाली सामग्री जैसे एसी, फर्नीचर सहित अन्य उपयोगी सामान मंदिर से घरों में पहुंच जाता है। इसका उदाहरण पूर्व में लिए गए मामले से समझा जा सकता है। जब दान की गई मैटिन और सैनिटाइजर मशीन घरों में पहुंच गई थी।
मंदिर प्रशासन को इन सब सामानों की सूची तलब कर इसका भौतिक सत्यापन करवाना आवश्यक है। अन्यथा यह सामान लोगों के घरों की शोभा बन सकता है।
रविवार को 130 से अधिक प्रोटोकाल पाइंट
आम दिनों की अपेक्षा रविवार को महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे। इनमें प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं की संख्या भी अधिक रही। आम दिनों में जहां 70 के लगभग प्रोटोकाल पाइंट आते हैं। वहीं रविवार को यह बढक़र ठीक दोगुनी हो गई थी।