बेरछा, अग्निपथ। क्षेत्र के ग्राम लालाखेड़ी में विगत दो दिनों में लगभग फलदार पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाकर आधा दर्जन से ज्यादा हरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई। अन्य गांवों में भी छायादार व फलदार वृक्षों को काटा जा रहा है राजनीतिक संरक्षण के चलते ठोस कार्रवाई नहीं होती है।
एक और जहाँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 मार्च से 5 मार्च तक पौधरोपण महाअभियान कार्यक्रम मप्र शासन के निर्देशानुसार सभी शासकीय विभागों में चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत वायुदूत एप पर सभी कर्मचारियों को पौधे लगाकर फोटो भी अपलोड करने के सख्त निर्देश है। वही दूसरी और 20-30 वर्षो पुराने पेड़ो को बेरछा क्षेत्र में धड़ल्ले से काटा जा रहा है।
वही आलम यह है प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण बेरछा क्षेत्र के आसपास के आधा दर्जन से अधिक ग्रामो में हरे-भरे पेड़ो पर कुल्हाड़ी चलने लोग बाज नही आ रहे है।
ताजा मामला लालखेड़ी गांव में देखने में आया है। राजस्व विभाग के अमले को सोमवार को जानकारी मिली की गांव के श्मशान मार्ग पर स्थित एक खेत की मेढ़ पर लगे आम, महुआ, सेमल व नीम के हरे-भरे फलदार पेड़ काटें गए।
पेड़ काटने की सूचना पर नायब तहसीलदार सुनील जायसवाल को मिलने पर मौके पर पहुंचकर पटवारी ने पंचनामा बनाया व प्रतिवेदन तहसीलदार ने वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत किया। जांच कर संबंधी अनावेदक के विरुद्ध कार्यवाही की
केंद्र व राज्य सरकार पौधा रोपण करने को बढ़ावा दे रही है तो दूसरी ओर क्षेत्र मे राजनीति संरक्षण मे पेड़ो की कटाई क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रही है।
राजस्व विभाग अनेकों बार पंचनामा बनाकर कार्यवाही करता है जनरेटर, मशीनें व लकडिय़ा भी जप्त कर प्रकरण भी बनाती है। लेकिन कई बार राजनीतिक पदाधिकारीयो व जन प्रतिनिधियो के संरक्षण हस्तक्षेप के चलते अधिकारी चाह कर भी ठोस कार्यवाही नही कर पाते है।
अभी तक सैकड़ो पौधे अभियान के नाम पर लगाकर औोपचारिकता पूरी तो की जाती है पर निरीह फलदार-छायादार हरे-भरे पेडों की कटाई करने वालों को कोई ठोस कार्यवाही नही होती है। जिससे अंधाधुंद कटाई को बढ़ावा मिलती है।
कम अर्थदंड से बेखौफ होती है अवैध कटाई
एक वर्ष में क्षेत्र में हो रही अवैध हरे-भरे पेडों की कटाई वाले मामले में प्रतिवेदन बना कर टप्पा कार्यालय बेरछा से एसडीएम शाजापुर को प्रस्तुत की जाती है। जिसमें 28 जून 21 को ग्राम रंथभँवर में एक गुराड़ पेड़ की कटाई वाले मामले में एसडीएम कोर्ट से अनावेदक रमेशचंद्र पिता उमराव को दो हजार अर्थदंड लगया।
- वहीं बेरछा में एक इमली, एक नीम की कटाई के प्रकरण में 10 हजार रुपये का अर्थदंड
- ग्राम तिलावद गोविंद में 30 क्विंटल के दो फल व छायादार इमली की कटाई मामले में अनावेदक किशोर पिता भेरूसिंह दो हजार अर्थदंड
- ग्राम देन्दला में 150 किविंटल में नीम, इमली, बबूल के 15 पेड़ों की कटाई के प्रकरण में अनावेदक हरिनारायण,शिवप्रसाद, राजेश, इंदरसिंह प्रत्यक्ष पर पांच हजार का अर्थदंड
- ग्राम बेरछा गाँव में तीन नीम के पेड़ कटाई के मामले में अनावेदक मजीद खाँ बेरछा पर पांच हजार का अर्थदंड
- सहित एक दर्जन से अधिक प्रकरणों में मप्र भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 का उलंघ्घन किये जाने के कारण संहिता की धारा 253 के तहत अनावेदकों पर सैकड़ो किविंटल पेड़ो की लकड़ी कटाई पर महज दो-पांच हजार का अर्थदंड लगाकर औपचारिकता निभाई जाती है। जिससे क्षेत्र में पेडों की कटाई जोरो पर है।
इनका कहना
ग्राम लालखेड़ी में पेड़ कटाई की सूचना पर राजस्व टीम वहाँ पहुंची तथा वहां से गुजर रही लकड़ी से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉली को जप्ती में लेकर गुलाना चौकी की सुपुर्दगी दी गई। सात पेड़ों की कटाई के संबंध में पटवारी ने मौका पंचनामा बनाया एवं तहसीलदार के माध्यम से प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारी को प्रस्तुत किया। – सुनील जायसवाल, तहसीलदार गुलाना