आसमान से फिर बरसी आफत 1200 बीघा की फसलें प्रभावित

badnawar fasal survey 09 03 22

राजस्व व कृषि अमला सर्वे में जुटा

बदनावर, अग्निपथ। नगर के अलावा क्षेत्र के करीब 8 गांवों में सोमवार शाम को हुई तेज के दौरान कुछ स्थान पर ओले गिरने से फसलों को नुकसान हुआ है। राजस्व व कृषि विभाग के मैदानी अमलों द्वारा फसलों का सर्वे कराया जा रहा है। लेकिन वास्तविक नुकसानी का आंकलन अनावारी के बाद ही पता चल पाएगा। हालाकि कृषि विभाग के मुताबिक क्षेत्र में बारिश से करीब 300 हेक्टेयर यानि 1200 बीघा की फसलें प्रभावित हुई है।

बारिश व ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसानी बदनावर एवं उसके आसपास स्थित ग्राम पंचकवासा, पिटगारा एवं खेड़ा गांव के कुछ क्षेत्रों में हुई है। जबकि ग्राम तिलगारा, चांवडाखेड़ी, मुलथान, कंकराज, पंचकवासा, छोटा कठोडिय़ा में कुछ हिस्सों में फसलें प्रभावित हुई है।

बारिश के कारण खेतों में निकालकर रखी लहसुन में नुकसान पहुंचा है। प्रभावित फसलों का मुआयना करने के लिए बुधवार सुबह एसडीएम ग्राम पंचकवासा पहुंचे। उन्होंने खेतों में जाकर फसलों का अवलोकन किया तथा किसानों से चर्चा की। तहसीलदार अजमेरसिंह गौड़ भी साथ थे। दोपहर में राजस्व व कृषि अमले ने फसलों का सर्वे शुरू कर दिया गया।

अगले तीन दिन में आएगी सर्वे रिपोर्ट

दो से तीन दिन में सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक नुकसानी एवं प्रभावित किसानों की संख्या का पता चल पाएगा।

वैसे कृषि विभाग ने करीब 300 हेक्टेयर क्षेत्र में बारिश के कारण फसलें प्रभावित होने का अनुमान जताया है। हालाकि अभी गेंहू की कटाई प्राथमिक तौर पर कहीं कहीं शुरूआत हुई है तथा एक पखवाड़े में फसल पूरी तरह पककर तैयार हो जाएगी। उसके बाद कटाई का दौर शुरू होगा।

किसानों की पीड़ा

ग्राम पंकचवासा के दरबारसिंह पटेल की 20 बीघा, गोर्वधनसिंह चावड़ा की 15 बीघा, नारायणसिंह देवड़ा की 8 बीघा, ग्राम खेड़ा के योगेश मुकाती की 9 बीघा, भगवान रामप्रसाद की 9 बीघा, फसलों में नुकसानी हुई है। किसानों का कहना है कि गेहंू की फसलें तेज बारिश व ओले के कारण जमीन में आड़ी हो गई।

इसके अलावा जो फसलें सूखने की कगार पर थी उनकी बालियों में से दाने जमीन खेतों में गिर गए है। बारिश से गेंहू के दाने का कलर हल्का होने से उसकी क्वालिटी पर असर पड़ेगा। तथा दाने खेत में खिरने से उत्पादन प्रभावित होगा।

अगर वर्तमान स्थिती में फसलों की स्थिती के अनुसार देखा जाए तो गीली फसलों में तीन से चार क्विंटल तक प्रति बीघा में उत्पादन कम होने की संभावना है। जबकि बालियां खिरने से दो क्विंटल प्रति बीघा का नुकसानी झेलना पड़ेगी। ग्राम तिलगारा के धर्मराज चौधरी की 2 बीघा में खेतों में निकालकर रखी लहसुन कीचड़ में लथपथ होकर खराब हो रही है।

भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष हरीश पटेल ने बताया कि ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों की नुकसानी का शीघ्र ही सर्वे करने व मुआवजा प्रदान करने के संबंध में बुधवार को एसडीएम को ज्ञापन सौपा गया।

किसान शिकायत दर्ज कराएं

नगर एवं आसपास के बडऩगर रोड के इलाके में फसलें बारिश से प्रभावित हुई है। गेंहू की हरी फसलें आड़ी हो गई तथा सूखी फसल में कम नुकसान होने का अनुमान है। सर्वे के लिए पटवारियों एवं कृषि विभाग को निर्देशित कर दिया है। किसान भी टोल फ्री नंबर पर 72 घंटे के अंदर फसलों की नुकसानी के बारे में शिकायत दर्ज कराएं। हालाकि फसल कटाई के बाद ही नुकसानी का आंकलन कर मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया होगी। – वीरेंद्र कटारे, एसडीएम, बदनावर

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