बैंक नोट प्रेस से 90 लाख के नोट चुराने वाले अधिकारी को आजीवन कैद की सजा

खराब नोट नष्ट करने की बजाय घर ले जाता था

देवास, अग्निपथ। बैंक नोट प्रेस के अधिकारी को प्रेस से करेंसी नोट छुपाकर ले जाने व उपयोग करने के मामले में न्यायालय ने दोषी पाया है। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। करीब चार साल पुराने मामले में आरोपी के पास से बैंक नोट प्रेस से चुराये 90 लाख रुपये से ज्यादा के नोट बरामद किये गए थे। न्यायालय ने बुधवार को अपना फैसला दिया है।

जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्रसिंह भदौरिया ने बताया कि तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला देवास द्वारा बैंक नोट प्रेस के उप नियंत्रक अधिकारी मनोहर वर्मा (55 वर्ष) निवासी 34 साकेत नगर, देवास को धारा 409, 489 (ख) भादवि में आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 489 (ग) भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 25 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

अभियोजन के मुताबिक 19 जनवरी 2018 को सुबह 7.50 बजे बैंक नोट प्रेस देवास के एनबीएफ सेक्शन (जहां रिजेक्ट नोटों की कटिंग की जाती है) के कारीडोर में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जवान आरक्षक मनेन्द्र सिंह एवं आरक्षक लिलेस्वर प्रसाद ने एनबीएफ सेक्शन में कार्यरत उपनियंत्रक अधिकारी मनोहर वर्मा को एक बॉक्स में कुछ छुपाकर रखते देखा। मामला संदिग्ध लगने पर उन दोनों बल सदस्यों के द्वारा इकाई के सभी उच्च अधिकारियों को सूचना दी।

इस पर निरीक्षक अनिल कुमार, निरीक्षक आकाश दुबे, निरीक्षक डीएल मीणा एवं उपनिरीक्षक पंकज सिंह एवं उपनिरीक्षक विकाश चौधरी ने घटना स्थल पर पहुंचकर आरोपी वर्मा की तलाशी लेने पर उसके जूतों में 200-200 रूपये के 2 बंडल पाये गये। जिन्हें कब्जे में लेकर आरोपी से पूछताछ कर उसे साथ में लेकर टेबल दराज की तलाशी ली गई जिसमें भी 500 व 200 रूपये के विभिन्न नोट के तौर पर लगभग 26 लाख 9 हजार 300 रुपये बरामद किये गये। उसके घर से पुलिस ने लगभग 64 लाख 50 हजार रूपये के 500 एवं 200 रूपये के नोट जप्त किये गये।

ऐसे साबित हुआ अपराध

प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई विवेचना के दौरान फरियादी विकास चौधरी एवं अन्य साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये। बैंक नोट प्रेस की एनबीएफ शाखा (घटना स्थल) में लगे सीसीटीवी फुटेज 10 जनवरी 2018 से 19 जनवरी 2018 तक की हार्ड डिस्क एवं 65बी साक्ष्य अधिनियम के प्रमाण पत्र सहित, आरोपी मनोहर वर्मा का सेवा अभिलेख तथा जप्त नोटों से संबंधित विकत नोटों के रजिस्टर, सूचियां जप्त की गई।

जिनसे सिद्ध हुआ कि आरोपी मनोहर वर्मा द्वारा लोकसेवक के रूप में कार्य के दौरान उसको सौंपे गये विकृत नोटों को नष्ट न करवाते हुये, छुपाकर कर घर ले जाकर रखे व खर्च किये आरोपी के विरूद्ध धारा 409,489(ख)(ग) भादवि का अपराध पूर्णत: सिद्ध पाये जाने से मामले में अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

न्यायालय ने साक्ष्यों को जिरह के आधार पर उक्त प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित किया गया। आरोपी को दोषी माना और सजा सुनाई।

उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का संचालन तत्कालीन उप संचालक अभियोजन अजयसिंह भंवर ने किया। वर्तमान में अविनाश सिरपुरकर एवं कौस्तुभ पाठक, अधिवक्ता (विशेष लोक अभियोजक) ने इसका संचालन किया। कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक 105 विनोद लहरी का विशेष सहयोग रहा। उक्त जानकारी अभियोजन जिला मीडिया सेल प्रभारी ऊदल सिंह मौर्य ने दी।

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