उज्जैन ,अग्निपथ। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए किसान कानून की वकालत करते हुए कहा कि ये तीनों कानून किसानों के हित के लिए बनाए गए है। इन कानून से किसानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने किसान सम्मेलन में आए किसानों को इसके फायदे गिनाते हुए बीच बीच में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी जमकर कटाक्ष किए।
उन्होंने कहा पिछले 20 दिनों से दिल्ली में हजारों की संख्या में किसान डेरा डालकर मोदी सरकार की मुसीबतें बढ़ा रहे हैं। उसी को देखते हुए पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी किसानों को विपक्ष के द्वारा भ्रमित करने के आरोपों का जवाब देने के लिए कई स्तर पर किसान सम्मेलन आयोजित किसान कानूनों की हकीकत बयां कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी सिलसिले में उज्जैन में किसान सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मंगलवार को सामाजिक न्याय परिसर में आए हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान को चिंता करने की जरूरत नहीं है। मोदी जी ऐसा कानून लेकर आए है कि किसान जहां चाहे वहां अपनी फसल को बेच सकता है। साथ ही उन्होंने कहा है कि अब किसान खेत में फसल की बोवनी करेगा, उसी समय वह व्यापारी से अपनी फसल का सौदा कर सकता है। जिस भाव में उसने सौदा किया और फसल खराब हो गई तब भी उसे सौदे के हिसाब से किसान को रकम अदा करना पड़ेगी।अगर उसने सौदे के अनुसार रकम नहीं दी तो कानून में इसके लिए कड़े प्रावधान किए गए है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी कटाक्ष करते हुए कहा है कि उन्होंने किसानों की हालत डिफाल्टर से रेगुलर डिफाल्टर कर दी थी।कमलनाथ ने किसानों के सिर पर जो ब्याज की गठरी रखी थी उसे मैं उतारूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ ने और तो और फसल बीमा की प्रीमियम की 22 सौ करोड़ रुपए की राशि तक जमा ही नहीं कराई थी। जिससे हजारों किसानो को फसल बीमा का लाभ ही नहीं मिल पाएगा।
उज्जैन संभाग से बड़ी संख्या में किसान सम्मेलन स्थल पर पहुंचे। सम्मेलन में संभाग के सभी मंत्री पहुंचे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, हरदीप सिंह डंग आदि मंत्री मौजूद थे।
बिनोद मिल श्रमिकों से कहा-जो वादा किया है उसे निभाऊंगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विनोद मिल श्रमिकों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रशासन की मदद से मिलने पहुंचा। सम्मेलन समाप्ति के पश्चात मंच से उतरते हुए बीजेपी नेता बोले बिनोद मिल के श्रमिक आए है। तब मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो वादा किया है उसे मैं निभाऊंगा। उन्होंने जाते-जाते श्रमिकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि चिंता ना करें हम सब मिल बैठकर कोई रास्ता निकालेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री से मिलने वाले पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल में अभिभाषक नाथूलाल नागर, पवन गरवाल, राकेश राव, राजेश चौहान एवं निवृत्तमान क्षेत्रीय पार्षद शेफाली राव भी मौजूद थीं। इसके पूर्व मंगलवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में लिक्विडेटर ने पूरी रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की।जिसमें बिनोद मिल श्रमिक बस्ती को तोड़े जाने वाली पार्टी के नाम प्रस्तुत किए गए। न्यायालय ने टेंडर में अधिक कीमत अदा करने वाले का टेंडर स्वीकृति करने के आदेश दिए।
न्यायालय के आदेश के बाद आगामी 15 दिनों में विनोद मिल श्रमिक बस्ती को डिस्मेंटल करने का काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। जबकि न्यायालय के आदेश के विपरीत मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद कोई ना कोई हल निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।