शिकारियों ने गुना में तीन पुलिसकर्मियों को मार डाला

  • भतीजी की बारात का स्वागत हिरण-मोर के मांस से करना था, शिकार कर लौट रहे थे रास्ते में पुलिस आ गई

  • मुठभेड़ में एक और बाद में दूसरे शिकारी का एनकाउंटर

गुना, अग्निपथ। मध्यप्रदेश के गुना के आरोन में 3 पुलिसकर्मियों की हत्या के एक और आरोपी को पुलिस ने मार गिराया है। आरोपी का नाम शहजाद बताया जा रहा है। जो पहाड़ पर छिपकर बैठा था। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोन घटना के एक और अपराधी का एनकाउंटर हुआ है। आला अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ये भी बताया कि फरार मुख्य आरोपी की जानकारी भी पुलिस को मिल गई है। उसकी सर्चिंग जारी है। उन्होंने कहा कि अपराधियों का राजनीतिक संरक्षण भी जांच का बिंदु है। इससे पहले पुलिस ने नौशाद मेवाती नाम के शिकारी को एनकाउंटर में मार गिराया था। प्रशासन ने बिंदौरी गांव में आरोपियों के घर भी ढहाए है। सूत्रों की माने तो पुलिस ने आरोपियों से जुड़े करीब 13 लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि अभी आधिकारिक रूप से पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी शो नहीं की है।

इससे पहले इस मुठभेड़ में नया खुलासा हुआ है। शिकारियों ने बारातियों के स्वागत के लिए काले हिरण और मोर का शिकार किया था। दरअसल, पुलिस फायरिंग में मारे गए नौशाद की भतीजी का आज निकाह था, जिसमें मेहमानों को मीट परोसा जाना था। उसी के लिए शिकारियों ने काले हिरणों का शिकार किया था। रात में इन्हें लाते समय उनकी पुलिस से मुठभेड़ हो गई, जिसमें नौशाद नाम का आरोपी मारा गया। वहीं, तीन पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए।

घटना शनिवार तडक़े 3 से 4 बजे के बीच की बताई जा रही है। पुलिस की जवाबी फायरिंग में शिकारी नौशाद मेवाती मारा गया। शहीद एसआई राजकुमार जाटव ने शहादत से पहले हाथ में गोली लगने के बाद भी कई राउंड फायर किए थे। पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं बताई है, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस ने करीब 13 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं, जंगल में बड़ी मुठभेड़ की खबर आ रही है।

हमलावरों से निपटने के लिए पुलिस को फ्री हैंड, शहीद के परिजनों को 1-1 करोड़ मुआवजा

घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। घटनास्थल पर देरी से पहुंचने पर ग्वालियर के आईजी अनिल शर्मा को हटा दिया गया है। मध्यप्रदेश सरकार ने तीनों पुलिसकर्मियों के परिवार को 1-1 करोड़ का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपराधियों की पहचान हो गई है। पुलिस फोर्स को भेजा गया है। जवाबी एक्शन के लिए पुलिस को फ्री हैंड दिया गया है। इसके बाद दोपहर में प्रशासन ने आरोपियों के घर को बुलडोजर से ढहा दिया।

तीन पुलिसकर्मी हुए शहीद

एसपी राजीव कुमार मिश्रा का कहना है कि सगा बरखेड़ा की तरफ से बदमाशों के जाने की सूचना मिली थी। इनकी घेराबंदी के लिए 3-4 पुलिस टीम लगाई गई थीं। शहरोक के जंगल में 4-5 बाइक से बदमाश जाते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। हमले में सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। शिकारियों के पास से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष जब्त किए हैं।

पुलिस ने कुछ संदिग्धों को उठाया

पुलिस ने धरपकड़ में 10 से ज्यादा संदिग्धों को उठाया है। बजरंगगढ़ थाने से पूरी कार्रवाई की मॉनिटरिंग हो रही है। एसपी खुद बजरंगगढ़ थाने में मौजूद हैं और टीम को लीड कर रहे हैं। लगभग 10 थानों की पुलिस और 100 के लगभग पुलिसकर्मी धरपकड़ में लगे हैं।

राजकीय सम्मान के साथ शहीदों का अंतिम संस्कार

पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, कलेक्टर फ्रैंक नोबल ने अस्पताल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कर पार्थिव शरीर रवाना कराए। अंतिम संस्कार के लिए शहीद एसआई राजकुमार जाटव का शव अशोकनगर भेजा गया। आरक्षक संतराम मीना का शव श्योपुर भेज गया। राजकीय सम्मान के साथ शहीद नीरज भार्गव का गुना में अंतिम संस्कार हुआ। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके 12 साल के बेटे वंशी ने उन्हें मुखाग्नि दी।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमारे परिवार के तीन जांबाज सदस्यों की मौत हो गई। अपराधी कोई भी हो, पुलिस से बचकर जा नहीं सकते। कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सख्त से सख्त कार्रवाई हमलावरों पर की जाएगी। ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो नजीर बनेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष बोले- गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले- गुना की घटना दुखद है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वह पुलिस को ही नहीं छोड़ रहे। गुना की घटना के बाद तो गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

घटना के बाद जागती है शिवराज सरकार: कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- आखिर शिवराज सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी लचर क्यों है? हर घटना के बाद जागना सरकार की आदत बन चुका है। घटना के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिये सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

शिकारियों से दिग्विजय सिंह के संबंध की जांच हो: वीडी शर्मा

बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि आखिर उस बुधौलिया गांव के अंदर इतने हथियार, कहां से आए? किसके संरक्षण में आए? दिग्विजय सिंह इस बात का जवाब दें कि उनका इन अपराधियों के साथ क्या संबंध है? मुझे सूचनाएं मिली हैं कि राघौगढ़ किले से, दिग्विजय सिंह से जुड़े हुए लोग लगातर इस काम को करते आए हैं। इनके संरक्षण में उनको हमेशा से संरक्षण मिला है। इसलिए इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि दिग्विजय सिंह का इन आरोपियों के साथ क्या संबंध है। इन अपराधियों की इतनी हिम्मत कैसे हुई?

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