चिंता में परिजन कौन सी रिपोर्ट सही
शाजापुर, अग्निपथ। क्या एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग ब्लड ग्रुप हो सकते हैं? बिल्कुल भी नहीं, परंतु शाजापुर के जिला अस्पताल और निजी पैथोलॉजी ने एक गर्भवती महिला के मामले में यह कर दिखाया है। ऐसे में गर्भवती महिला के परिजन सकते में हैं कि असली ब्लड ग्रुप क्या है और जिन दो जांच रिपोर्ट में उसका ब्लड ग्रुप एक जैसा आया है उसे लेकर भी संशय है। पैथोलॉजी की यह लापरवाही गर्भवती और उसके बच्चे के लिए आने वाले दिनों में मुसीबतभरी साबित हो सकती है, क्योंकि यदि प्रसव के दौरान महिला को खून की जरूरत पड़ी तो अलग-अलग ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट उसकी जान पर भारी पड़ सकती है।
दरअसल शहर की गर्भवती महिला की उसके परिजनों ने निजी पैथोलॉजी में ब्लड ग्रुप की जांच कराई जिसमें ‘ओ’ पॉजीटिव ब्लड ग्रुप बताया गया। इसके बाद परिजनों ने शाजापुर जिला अस्पताल में जांच कराई तो रिपोर्ट चौंकाने वाली आई और यहां से रिपोर्ट में ब्लड ग्र्रुप ‘ए’ नेगेटिव बताया गया। अलग-अलग ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट देख गर्भवती और उसके परिजन असमंजस में पड़ गए। इसके बाद उन्होने दोबारा निजी पैथोलॉजी में ब्लड ग्रुप की जांच कराई, जहां से फिर रिपोर्ट ‘ओ’ पॉजीटिव ब्लड ग्रुप की दी गई।
नाम नही छापने की शर्त पर गर्भवती और उसके परिजनों ने बताया कि शहर की दो अलग-अलग निजी पैथोलॉजी में कराई गई खून की जांच में ब्लड ग्रुप ‘ओ’ पॉजीटिव निकला है। जबकि शाजापुर अस्पताल से मिली रिपोर्ट में ब्लड ग्रुप ‘ए’ नेगेटिव बताया जा रहा है। अब समझ नही आ रहा है कि प्रसव के दौरान यदि खून की जरूरत पड़ी तो कौनसा ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाया जाएगा।
मरीज की जान ले सकता है गलत ग्र्रुप का खून
जिला अस्पताल और निजी पैथोलॉजी से मिली खून की रिपोर्ट के बाद शहर की गर्भवती और उसके परिजन सकते हैं। उन्हे इस बात की चिंता सता रही है, आखिरकार सही रिपोर्ट कौनसी है। वहीं विशेषज्ञों की मानें तो यदि किसी मरीज को दूसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया जाए तो उससे संबंधित मरीज का इम्यून सिस्टम बूरी तरह से प्रभावित हो सकता है और इससेए शरीर में हानिकारक केमिकल्स का बहुत अधिक निर्माण होने लगता है और वह व्यक्ति गम्भीर रूप से बीमार हो सकता है। गलत खून चढ़ाने से व्यक्ति की दोनों किडनियां फेल हो सकती हैं और कुछ समय बाद उसकी मौत भी हो सकती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि गलत खून चढऩे से गर्भवती को कोई नुकसान होता है तो इसका जिम्मेदार कौन रहेगा?
इनका कहना है
कुछ मरीजों के ब्लड में दिक्कत होती है जिसके कारण अलग-अलग ब्लड ग्रुप जांच रिपोर्ट में सामने आ सकते हैं। ऐसे लोगों की ब्लड की जांच हेतु अलग प्रक्रिया अपनाई जाती है। यदि अस्पताल में ऐसा हुआ है तो मरीज की दोबारा से जांच कर करेंगे। -डॉ एसडी जायसवाल, पैथॉलॉजी एवं ब्लड बैंक जिला अस्पताल शाजापुर।