महापौर ने शहर के सीवेज पंप हाउसों का निरीक्षण किया
उज्जैन, अग्निपथ। पुण्य सलिला क्षिप्रा मोक्षदायनी है, यहां प्रत्येक 12 वर्ष में सिंहस्थ का आयोजन होता है, सिंहस्थ 12 वर्ष में एक वार पुण्य सलीला क्षिप्रा में डुबकी लगाने का पर्व होता है अब तक जो हुआ उसको ठीक करते हुए क्षिप्रा नदी में कोई भी नाले का पानी नही मिलेगा।
पुनीत पावन मां क्षिप्रा नदी की स्वच्छता एवं पवित्रता को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही आने वाले दिनंों में शहर का कोई भी नाला क्षिप्रा में नहीं मिलेगा। निगम द्वारा संचालित सीवेज पंपिंग स्टेशनों को शीघ्र प्रारंभ किए जाने हेतु महापौर मुकेश टटवाल ने निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, एमआईसी सदस्यों, एवं पीएचई के अधिकारियों के साथ समस्त पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश साथ ही राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के बारे में जानकारी ली गई।
क्षिप्रा शुद्धिकरण योजना का उद्देश्य शहर के गंदे नालों के पानी को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकना है। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना अन्तर्गत संधारण और संचालन हेतु उज्जैन नगर पालिक निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। तभी से इन पंप हाउस का संचालन किया जा रहा है। शहर के अंतर्गत कुल 9 पंप हाउस पाइपलाइन नेटवर्क संचालित है। जबकि वीर दुर्गादास छत्री सीवेज पंप हाउस पूर्व से ही नगर निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है।
योजना के अंतर्गत शहर के प्रमुख नालो को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए इंटरसेप्शन चेंबर अर्थन डैम के माध्यम से रोक कर पाइपलाइन के माध्यम से सीवरेज पानी को नजदीकी पंप हाउस के समीप में लाया गया है तथा उसे पंपिंग कर सदावल ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजा जाता है सदावल ट्रीटमेंट प्लांट पर कुल 7 सीवरेज पंप हाउस का पानी पहुंचता है जहां से उसे निर्धारित मानकों पर ट्रीटमेंट पश्चात् किसानों द्वारा खेती के लिए एवं मछली पालन में उपयोग किया जा रहा है।
वर्तमान में शहर में लगभग 150 एमएलडी जल प्रदाय प्रतिदिन किया जा रहा है जिसका लगभग 75 प्रतिशत पानी 93 एमएलडी वापस सीवेज के रूप में नालों के माध्यम से प्राप्त होता है जिसे लगातार ट्रीट किया जा रहा है शहर का विस्तार होने एवं नदी किनारे नवीन कॉलोनी आदि के बन जाने के कारण कुछ स्थानों पर शिप्रा नदी में सीवेज के पानी के मिलने के नवीन स्थल बन गए हैं जैसे अवंती हॉस्पिटल, इंदौर रोड़, लाल पुल, नृसिंहघाट, ऋण मुक्तेश्वर आदि स्थान पर अर्थन डैम चेंबर आदि बनाकर एवं मोटर पंप सेट लगाकर शिप्रा नदी में मिलने से रोका जा रहा है।
इसी क्रम में आज महापौर द्वारा मेयर इन काउंसिल के सदस्यों के साथ पंपिंग स्टेशनों के नालो का निरीक्षण किया गया जिसमें हनुमान नाका, मंछामन, लालपुल, गणगौर दरवाजा, जूना सोमवारीया, वीर दुर्गादास की छतरी, आयुर्वेदिक औषधालय के पीछे बने पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया जाकर पीएचई के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बंद पड़े पंप हाऊस को शीघ्र चालू किया जाए जिससे शिप्रा में मिल रहे नालो के पानी को रोका जा सके अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बारिश के कारण स्टेशन बंद कर दिए जाते हैं साथ ही संधारण कार्य होने से शीघ्र ही चार पंपिंग स्टेशनों को 24 घण्टे के अंदर पुन: चालू किया जाएगा जिससे शिप्रा में किसी भी नाले का पानी नहीं मिलेगा।
टाटा के कार्यो का निरीक्षण
भूखी माता स्थित चल रहे टाटा द्वारा डाले जाने वाली पाइप लाइन के कार्यों का भी निरीक्षण करते हुए निर्देशित किया कि शीघ्र ही कार्य को पूर्ण किया जाए जिससे मार्ग को पुन: आवागमन के लिए दुरुस्त किया जा सके साथ ही टाटा के कार्यों को गति दें। निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्य जलकार्य एवं सिवरेज प्रभारी शिवेन्द्र तिवारी, रजत मेहता, डॉ. योगेश्वरी राठौर, श्रीमती दुर्गाशक्ति सिंह चौधरी के साथ ही पीएचई से कार्यपालन यंत्री श्री राजीव शुक्ला, सहायक यंत्री राजीव गायकवाड़ उपस्थित थे।