उज्जैन, अग्निपथ। वर्ष- 2020 के अंतिम दिन ३१ दिसंबर को सुबह भगवान महाकाल के दरबार में विगत दिनों की अपेक्षा कम संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने आए। लेकिन दोपहर के बाद उमड़ी भीड़ की संख्या रात होते-होते 30 हजार के पार हो गई। शुक्रवार को नववर्ष के पहले दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ महाकालेश्वर मंदिर में उमडऩे की संभावना है। नव वर्ष के लिए मां चामुण्डा का दरबार स्वर्ण महल के रूप में सजाया जा रहा है। नववर्ष की सुबह देव दर्शन के साथ लोग वर्ष का पहला दिन बिताएंगे।
वर्ष के अंतिम दिन ३१ दिसंबर को महाकालेश्वर मंदिर में सुबह से लेकर दोपहर तक श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक नहीं थी जितने की अन्य वर्षो में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आती थी। मंदिर के कर्मचारियों सहित अधिकारी भी यह देख कर अचंभित रह गए कि वर्ष के अंतिम दिन 25 दिसंबर को उमड़ी भीड़ से भी कम संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे थे। शंख द्वार, वीआईपी गेट पर इतनी कम संख्या में श्रद्धालु जमा हुए थे कि ऐसा मालूम ही नहीं पड़ रहा था कि आज वर्ष का अंतिम दिन थर्टी फस्र्ट है।
29 दिसंबर को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में श्रद्धालुओं की संख्या ऑनलाइन बुकिंग के लिए 12000 से बढ़ाकर 28000 कर दी थी। इसके बावजूद श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए क्यों नहीं आए इसके अलग-अलग कारण मंदिर कर्मचारी बता रहे थे। बताया जाता है कि बेगम बाग में पत्थरबाजी की घटना और 31 और 1 जनवरी को मंदिरों के बंद रहने की अफवाह के चलते सुबह श्रद्धालु थर्टी फस्र्ट को महाकालेश्वर मंदिर में इतनी अधिक संख्या में नहीं उमड़े, जितने कि मंदिर समिति को आशा थी। लेकिन दोपहर बाद से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया और देखते देखते रात तक करीब 30 हजार श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर चुके थे।
भस्मारती काउंटर से बनाई पर्ची
31 दिसंबर को सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 4.30 बजे तक सर्वर डाउन होने के कारण सेम डे बुकिंग कराने आने वाले श्रद्धालुओं को भस्मारती काउंटर से मैसेज की जगह पर्ची बनाकर दी जा रही थी। शाम 7 बजे तक महाकाल दर्शन एप के अनुसार 20 हजार श्रद्धालु बुकिंग करवा कर दर्शन कर चुके थे। सुबह से बिना एप के जो पर्ची काटी गईं, उससे करीब 10 हजार श्रद्धालु लाभांवित हुए। इस तरह से करीब 30 हजार श्रद्धालुओं ने वर्ष के अंतिम दिन दर्शन किए।
32 हजार से ज्यादा कर सकेंगे आज आनलाइन दर्शन
खबर की हेडिंग देखकर चौकिये नहीं….. आप सोचेंगे कि जब 28 हजार सीटें आनलाइन बुकिंग के लिए रिजर्व हैं तो फिर 32 हजार श्रद्धालु आनलाइन दर्शन कैसे कर सकेंगे। जानकारी में आया है कि 29 दिसम्बर को मंदिर समिति की बैठक में सीटें बढ़ाकर 12 से 28 हजार करने जो निर्णय लिया गया। उसमें 1500 सीटों की बुकिंग तो कर ली गई थीं, लेकिन इसमें 3500 सीटें और जुड़ गईं। इस तरह से 4 हजार सीटें 8 स्लाट के हिसाब से 32 हजार श्रद्धालु आनलाइन बुकिंग के तहत मंदिर में आज दर्शन कर पाएंगे।
दोपहर 1 बजे तक 250 टिकट कटे
शंख द्वारा स्थित 250 रुपए टिकट काउंटर पर दोपहर 1 बजे तक केवल 250 टिकट ही कट पाए थे, क्योंकि सेम डे बुकिंग खुली होने के कारण श्रद्धालु आसानी से ऑनलाइन बुकिंग करवाकर मंदिर में प्रवेश करते रहे। ज्ञातव्य रहे कि 29 दिसंबर को मंदिर समिति की बैठक में ऑनलाइन बुकिंग सीटों की संख्या 12000 से बढ़ाकर 28000 कर दिया गया था। इसका असर टिकट बिक्री पर पडऩे लगा है।
मंदिर अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
सुबह के समय चीफ जस्टिस के आने की सूचना के चलते महाकालेश्वर मंदिर में कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल, प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी उनकी आगवानी करने के लिए मंदिर आए थे। उन्होंने मंदिर के शंख द्वार सहित नंदीहाल का भी निरीक्षण किया। इस दौरान मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी और आरके गहलोत अपने-अपने दिए गए कर्तव्य का निर्वहन करते हुए देखे गए। शंख द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित ना हो इसके लिए सहायक प्रशासक श्री जूनवाल समय-समय पर मंदिर कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को भीड़ को एक जगह एकत्रित नहीं होने के हिदायत देते रहे। निर्गम गेट पर जबरिया वसूली कर रहे किन्नरों को भी वहां से हटाया गया। शंख द्वार के सामने हार फूल वाले श्रद्धालुओं को खड़ा कर भीड़ एकत्रित कर रहे थे। उनको भी श्री जूनवाल ने पुलिसकर्मियों की सहायता से हटवाया और उनको हिदायत दी। उसके बाद श्री जूनवाल शंख द्वार पर मैसेज चैकिंग करने की जगह पर काफी समय तक बैठे रहे।