40 किसानों के पक्ष में उपभोक्ता फोरम का फैसला, बैंक ने समय से नहीं जमा की थी प्रीमियम की राशि
देवास, अग्निपथ। किसानों के खाते से फसल बीमा प्रीमियम की राशि काटने के बाद भी बैंक ने बीमा कंपनी को जमा नहीं की। इस बड़ी लापरवाही के लिए उपभोक्ता फोरम ने बैंक को फटकार लगाते हुए किसानों की खराब फसलों की क्षतिपूर्ति करने के आदेश दिया है।
जिले में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा टिगरिया गोगा सहित अन्य आसपास के ग्राम के कृषकों द्वारा के.सी.सी. ऋण प्रतिवर्ष लिया जाकर नियमित जमा किया जाता रहा है।। वही बैंक द्वारा प्रतिवर्ष कृषकों के के.सी.सी. खातों से फसल बीमा की प्रीमियम राशि काटी जाकर बीमा कम्पनी में जमा की गई, लेकिन बैंक ने वर्ष 2015 खरीब फसल के लिये कृषकों के खातो से फसल बीमा प्रीमियम की राशि की कटोती की, लेकिन उक्त राशि बैंक द्वारा बीमा कम्पनी को निर्धारित समयावधि में जमा नहीं की गई।
जिससे किसानों को वर्ष 2015 की खरीब सोयाबीन फसल जो अतिवृष्टि के कारण पूर्णत: नष्ट हो गई थी। उसकी फसल बीमा राशि प्राप्त नहीं हो सकी तथा कृषकों को आर्थिक नुकसान हुआ। इस पर 40 किसानों द्वारा अभिभाषक गजेन्द्रसिंह झाला व जगदीश मकवाना के माध्यम से उपभोक्ता फोरम न्यायालय देवास में 40 प्रकरण प्रस्तुत किये गये। सुनवाई के बाद आदेश पारित कर बैंक की घोर लापरवाही मानी जाकर वर्ष 2015 की खरीब फसल की नुकसानी के रूप में कृषकों के पक्ष में यह आदेश दिया गया कि बीमा कम्पनी खरीफ की क्षतिपूर्ति की राशि की गणना करके 30 दिवस में बैंक को दे। बैंक गणना की राशि व उस पर 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज परिवाद प्रस्तुती दिनांक से अदायगी दिनांक तक का अदा करें।
बीमा कम्पनी से गणना प्राप्त होने के बाद 60 दिवस में अदा करना होगा अन्यथा 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज अदा करना होगा। तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के लिये 5 हजार एवं परिवाद व्यय की राशि के लिए 5 हजार रूपये पृथक से दिये जाने का आदेश दिया गया है।