सुनसान महाकाल मंदिर प्रांगण आखिरकार हुआ आबाद

मंदिर प्रशासन ने 4 दिन से बंद प्रांगण श्रद्धालुओं के लिए खोला, नंदीहाल में अभी भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में नववर्ष और इसके पूर्व थर्टी फस्र्ट पर मंदिर प्रशासन द्वारा भीड़ को देखते हुए नंदीहाल सहित ओंकारेश्वर और जूना महाकाल मंदिर प्रांगण बंद कर दिया था।  महीनों से बेरोजगारी झेल रहे पंडे-पुजारियों की कमाई पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। आखिरकार पंडे-पुजारियों के आक्रोश के बाद सोमवार को मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।
महाकालेश्वर मंदिर में जब भी कोई बड़ा त्यौहार मनाया जाता है तो कोरोना संक्रमण के नाम पर ओंकारेश्वर और जूना महाकाल मंदिर प्रांगण को बेरिकेड लगाकर श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया  जाता है। नव वर्ष को देखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा फिर से ओंकारेश्वर और जूना महाकाल मंदिर प्रांगण को बैरिकेड लगाकर 31 दिसंबर 1, 2 और 3 जनवरी के लिए श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।  इस दौरान प्रतिदिन 25 से 30  हजार श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में उमड़ती रही। श्रद्धालुओं की भीड़ को अपनी व्यवस्था के मुताबिक मंदिर प्रशासन ने दोनों मंदिर प्रांगण में बैरिकेड लगाकर श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लिया था।  मंदिर प्रशासन ने इस बारे में भी नहीं सोचा कि दोनों मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिए जाने के कारण छोटे मंदिरों के पंडे-पुजारियों  के भरणपोषण पर क्या प्रभाव पड़ेगा। श्रद्धालुओं को सीधे दर्शन के पश्चात मंदिर प्रांगणों में नहीं जाने दिया जा रहा था और बेरिकेड लगाकर निर्गम गेट से बाहर निकाला जा रहा था।
व्यवस्था करने की जगह पल्ला झाड़ा
महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना संक्रमण के नाम पर  भय  फैलाकर अभी तक अन्न क्षेत्र सहित मंदिर के अन्य प्रकल्पों  को बंद कर रखा गया है।  यहां तक की उज्जैन दर्शन बस भी श्रद्धालुओं के लिए नहीं चलाई जा रही है।  मंदिर में 330 मंदिर समिति के कर्मचारी, 110 सुरक्षाकर्मी और पुलिस विभाग द्वारा  लगाया गया पुलिस बल भी मौजूद था। लेकिन इनकी ड्यूटी लगाने की जगह ओंकारेश्वर और जूना महाकाल मंदिर प्रांगण को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। नाम लिया गया कोरोना संक्रमण का!

 

लॉकडाउन से झेल रहे बेरोजगारी
शहर में मार्च माह के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसके बाद 8 जून को महाकालेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला तो गया लेकिन  तभी से ही ओंकारेश्वर और जूना महाकाल मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया। कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए मंदिर प्रशासन ने करीब 7 महीने तक प्रांगण में मौजूद छोटे-छोटे मंदिर के पंडे-पुजारियों को बेरोजगारी का दौर दिखाया।  इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रांगण खोला तो  गया लेकिन बीच-बीच में बड़े तीज त्यौहार आने के कारण कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए इनको अक्सर बंद रखा गया।

 

 

 

4 दिन के बाद सोमवार को खुला
मंदिर प्रशासन द्वारा मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद एक्शन लिया गया और नंदीहाल को छोड़कर जूना महाकाल और ओंकारेश्वर मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं के लिए सोमवार को खोल दिया गया। मंदिर प्रांगण और जूना महाकाल में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वास्तव में नववर्ष का स्वागत करने के लिए महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है।
खनिज संसाधन मंत्री ने किए दर्शन
प्रदेश के खनिज संसाधन एवं श्रम विभाग के कैबिनेट मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने  सोमवार को भगवान महाकाल के दर्शन किये। मंदिर अधिकारी आरके तिवारी ने महाकाल धर्मशाला में उनका सम्मान किया।

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