तराना विकासखंड में सडक़ो के निर्माण की शिकायत पर लेतलाली, अधिकारी दे रहे सफाई
उज्जैन, अग्निपथ। तराना विकास खंड की चार ग्रामीण सडक़ो की खराब गुणवत्ता, सडक़ निर्माण में बरती जा रही लापरवाही और कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। जिला पंचायत सदस्य की शिकायत पर सीईओ ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई, इस कमेटी को 7 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए लेकिन 7 दिन की अवधि बीतने के बाद भी जांच कमेटी के सदस्य मौके पर पहुंचे भी नहीं। इसके ठीक उलट ग्रामीण राज्य सडक़ विकास प्राधिकरण के अधिकारी इस मामले में बिना किसी जांच के ही सफाई पेश कर रहे है।
जिला पंचायत सदस्य ओम राजोरिया ने तराना विकासखंड की चार सडक़ो कायथा से जवासिया कुमार, जवासिया कुमार से बेलरी, जवासिया कुमार से बोरदा धाकड और खारपा से बिंजल तक की सडक़ के निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार से जुड़ी एक शिकायत जिला पंचायत सीईओ को की थी। 16 जनवरी को मामले की लिखित शिकायत की गई। 17 जनवरी को जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे ने चारों सडक़ो की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी।
इस कमेटी में लोनिवि और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री सहित जिला पंचायत के लेखाधिकारी को सदस्य बनाया गया। जांच कमेटी को निर्देशित किया गया था कि वे 7 दिन में जांच प्रतिवेदन पूरा कर प्रस्तुत करे। 24 जनवरी को यह अवधि पूरी हो चुकी है। जिपं सीईओ के निर्देश के मुताबिक अब तक जांच पूरी भी हो जाना थी लेकिन इसके उलट अब तक जांच कमेटी के सदस्य मौके पर भी नहीं पहुंचे।
17 महीने में 12 किलोमीटर भी नहीं बनी सडक़
मप्र ग्रामीण राज्य सडक़ विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक-2 के महाप्रबंधक डीडी पाण्डेय की ओर से कायथा-खारपा-बिंजल-तराना रोड को लेकर सफाई जारी की गई। 12.55 किलो मीटर की इस सडक़ के निर्माण के लिए 12 अगस्त 2021 को मेसर्स ब्राइट इंफ्राकॉन उज्जैन को वर्क आर्डर जारी किया गया था। सडक़ की अनुमानित लागत 537.72 लाख रुपये है। पांडेय के मुताबिक वर्तमान में इस सडक़ पर 15 पुलिया, 9.76 किलोमीटर लम्बाई में अर्थवर्क और 2.910 किलो मीटर लम्बाई में डामरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। अब तक 199.83 लाख रुपये का व्यय हुआ है।