अभी तक 21 कौवों की मौत, वनविभाग कर्मियों के पास उठाने के लिए ग्लोब्स तक नहीं
उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश में बर्ड फ्लू पक्षियों पर कहर बरपा रहा है। महाकालेश्वर मंदिर में भी कौवों के आशियाने हैं। यहां पर भी कौवों की मौत का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को 5 कौवे मृत अवस्था में मिले हंै। पुलिस चौकी कर्मियों ने सूचना के बाद कौवे को उठवा कर पीपल के पेड़ के नीचे रखवाया। मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारी अपने स्तर पर इनको उठवाने और दफनाने की व्यवस्था कर रहे हैं।
प्रदेश के पक्षियों में बर्ड फ्लू की आहट हो चुकी है। शहर के ऋषि नगर, घट्टिया, बडऩगर सहित अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कौवे मृत मिले हैं। इनकी मौत बर्ड फ्लू से हुई इसकी आशंका जताई जा रही है और इनका विसरा आदि लैब में जांच के लिए वनविभाग भिजवा रहा है। शुक्रवार सुबह मंदिर के पुराने वीआईपी गेट प्रांगण में स्थित पीपल के पेड़ के नीचे, टीन की चद्दरों के उपर 5 कौवे मृत अवस्था में मिले।
एक कौवा बैरिकेड के बीच पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों को बेहोश अवस्था में मिला। कौवे को जब उठवा कर पीपल के पेड़ के नीचे रखा गया तो वहां कुछ देर तक तडफ़ड़ाया और उसकी चोंच से झाग निकलने लगे और उसने दम तोड़ दिया। पुलिस चौकी के आरक्षक लाखन सिंह ने बताया कि कौवा सुबह पेड़ के ऊपर बैठा हुआ था, लेकिन अचानक नीचे गिरा और तडफ़ड़ा कर उसने प्राण त्याग दिए।
मंदिर कर्मचारी 21 कौवे दफना चुका
प्रतिवर्ष चाइना मांझे से महाकालेश्वर मंदिर के पेड़ों पर रहने वाले कौवों की जान बचाने वाले मंदिर समिति कर्मचारी ओम योगी ने बताया कि बुधवार से मंदिर में कौवों की मौत का सिलसिला चल रहा है। अब तक 21 कौवों को नृसिंह घाट पर उसके द्वारा दफनाया जा चुका है। मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के निर्देशन में कौवों की जान बचाने का काम किया जा रहा है। मंदिर प्रांगण स्थित पीपल का पेड़ और सती माता मंदिर के पीछे स्थित पेड़ों पर इनका आशियाने हंै।
वनविभाग के पास ग्लोब्स तक नहीं
जानकारी मिली है कि पिछले बुधवार को बड़ी संख्या में कौवे मंदिर के वीआईपी प्रांगण में मृत मिले थे। सूचना पर वनविभाग का अमला वहां पर पहुंचा था, लेकिन उसके पास कौवों को उठाने के लिए ग्लोब्स तक नहीं थे। आम पन्नी का उपयोग कर कौवों को उठाया जा रहा था। एक कौवा वनविभाग कर्मी अपने साथ ले गए थे। कौवों के मुंह से लार और झाग निकल रहा था।11