स्वच्छता सर्वेक्षण से दो दिन पहले गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर फिर लगी आग

निगम अधिकारियों का दावा, इस बार की आग से सर्वेक्षण पर नहीं होगा असर

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर शनिवार को फिर से आगजनी की घटना हो गई है। पिछले साल की तरह ही इस बार भी गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर आगजनी की घटना के साथ एक ओर संयोग जुड़ा है। पिछली बार भी जब स्वच्छता सर्वेक्षण वाली टीम उज्जैन आई थी, इसके ठीक दो दिन पहले यहां आग लगी थी, इस बार भी ऐसा ही है।

दो दिन बाद स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम उज्जैन आ रही है और फिर से आगजनी की घटना हुई है। हालांकि नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि आगजनी की घटना ज्यादा बड़ी नहीं थी लिहाजा इस बार सर्वेक्षण में इससे कोई फर्क नहीं पडेगा।

नगर निगम ने गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड को उज्जैन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को ठेके पर दिया हुआ है। ट्रेचिंग ग्राउंड पर शहर से हर रोज एकत्रित होने वाले करीब 150 टन गीले कचरे और 50 टन सूखे कचरे को लाया जाता है। उज्जैन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा ट्रेचिंग ग्राउंड और प्लांट पर गीले कचरे से खाद बनाई जाती है जबकि सूखा कचरा को निष्पादित कर आरडीएफ (कोयले का विकल्प) बनाया जाता है।

पिछले साल भी यहां इन्हीं दिनो में (20 अप्रैल 2022) को आगजनी की बड़ी घटना हुई थी। शनिवार दोपहर करीब 2 बजे ट्रेचिंग ग्राउंड के कचरे के ढेर फिर से सुलगने लगे। आगजनी की सूचना के बाद शहर से 3 फायर फॉयटर, एक पीएचई का टैंकर पहुंचा और आग पर काबू पाया। नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह ने उपायुक्त संजेश गुप्ता और कीर्ति चौहान को मौके पर भेजा था। करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

अपर आयुक्त ने उठाए घटना पर सवाल

पिछले साल और इस साल भी स्वच्छता सर्वेक्षण टीम के आने से पहले ट्रेचिंग ग्राउंड पर आगजनी की घटना होने पर नगर निगम के अपर आयुक्त आर.एस. मंडलोई ने सवाल खड़े किए है। नगर निगम के अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में उन्होंने लिखा कि पूर्व की घटना की जांच रिपोर्ट अभिमत सहित आयुक्त महोदय को आज ही प्रस्तुत की जाना सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान की आगजनी की घटना के संपूर्ण तथ्यों एवं कारणों की जांच आयुक्त महोदय को तीन दिवस के भीतर प्रस्तुत की जाए।

नहीं बन पाया संपवैल

गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर हर साल आगजनी की घटना होने के बाद पिछले साल पीएचई के इंजीनियर्स ने ट्रेचिंग ग्राउंड परिसर में एक बड़ा संपवैल बनाने की कार्ययोजना बनाकर तत्कालीन आयुक्त को सौंपी थी। यह कार्ययोजना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। फिलहाल हालात यह है कि गोंदिया में आगजनी होने पर उज्जैन से फायटर पहुंचते है और उनके वहां पहुंचने में ही करीब डेढ़ घंटे का वक्त निकल जाता है।

गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर हुई आगजनी ज्यादा बड़ी नहीं थी। समय रहते इस पर काबू पा लिया गया था। स्वच्छता सर्वेक्षण पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

– संजेश गुप्ता, उपायुक्त

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