देवास, अग्निपथ। व्यापमं परीक्षा में फर्जी परीक्षा देने के मामले में दो लोगों को चार-चार साल कैद की सजा दी गई है। कोर्ट ने आरोपी टीटू बघेल व रवि उर्फ रविन्द्रपाल को भा.दं.सं. की धारा 467 सहपठित धारा 120 बी में दोषी माना है। इस आधार पर दोनों को 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास व 3000-3000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेंद्रसिंह भदौरिया ने बताया कि 16 अगस्त 15 को व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2015 के परीक्षा केंद्र एलएनसीटी भोपाल में परीक्षार्थी दीपक कुमार के स्थान पर एक अन्य व्यक्ति विकास कुमार परीक्षा दे रहा था। जब उससे रिकार्ड ऑफ आन्सर शीट एण्ड अटेंडेंस पर हस्ताक्षर करवाये गये तो हस्ताक्षर का मिलान नहीं होने के कारण परीक्षा के पश्चात पूछताछ किये जाने पर उसने स्वीकार किया कि वह दीपक कुमार के स्थान पर परीक्षा दे रहा था।
इस संबंध में एलएनसीटी भोपाल के अधीक्षक द्वारा बिलखिरिया थाना भोपाल को जानकारी देकर विकास के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराया। पूछताछ में विकास ने बताया कि अखिलेश ने दीपक के स्थान पर परीक्षा देने के लिये 10 हजार रूपये दिये थे। जिस पर अखिलेश को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2015 के देवास स्थित परीक्षा केन्द्र प्रेस्टिीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट में अभियुक्त टीटू बघेल के स्थान पर परीक्षा देने के लिये अमित को 10 हजार रूपये दिये थे।
पुलिस द्वारा अमित को गिरफ्तार करने पर उसके कब्जे से टीटू बघेल की परीक्षा का एडमिट कार्ड जब्त किया था। जिस पर से थाना बिलखेरिया ने प्रकरण को असल कायमी हेतु थाना औद्योगिक क्षेत्र देवास को भेज दिया था। पुलिस पूछताछ में अखिलेष ने बताया था कि परीक्षा में टीटू बघेल के स्थान पर अमित कुमार को 10 हजार रूपये देकर प्रेस्टिीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट देवास में परीक्षा दिलवाई थी और इस काम को करने के लिये रवि उर्फ रविन्द्रपाल ने प्रत्येक परीक्षार्थी के लिये एक-एक लाख रूपये देने की बात कही थी।
इस जानकारी के उपरांत टीटू बघेल और रवि उर्फ रविन्द्रपाल को गिरफ्तार किया था। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला देवास ने अपने फैसले में टीटू बघेल व रवि उर्फ रविन्द्रपाल उक्त सजा सुनाई। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक मनोज कुमार निगम द्वारा किया गया।