महालोक के त्रिवेणी मंडपम ओपन थियेटर के जरिए निजी कंपनी करा रही है वीआर से भस्मारती दर्शन
भविष्य में सवारी सहित उज्जैन और महाकाल के बारे भी थ्री-डी थियेटर के जरिए जानकारी देने की तैयारी
उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। मृत्युलोक के कालाधिपति भगवान महाकाल की भस्मारती के दर्शन का मोह उज्जैन आने वाले लगभग हर दर्शनार्थी में होता है। लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण अधिकतर श्रद्धालु भस्मारती दर्शन से वंचित रह जाते हैं। अब उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। आधुनिक तकनीक के जमाने मेें श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने भस्मारती दर्शन की आधुनिक व्यवस्था की है। जिसके तहत श्री महाकाल महालोक के त्रिवेणी मंडपम में वीआर यानी वर्चुअल रियलटी हेडसेट के जरिए भगवानम महाकाल की भस्मारती दिखाई जा रही है।
दरअसल वीआर हेडसेट के जरिए भस्मारती दिखाने की योजना उज्जैन स्मार्ट सिटी के एक प्रोजेक्ट का हिस्सा है। प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन, महाकाल और महाकाल से जुड़े अन्य आध्यात्मिक, प्राचीन स्थल और अवसरों को लाइव दिखाने की योजना है। इसके लिए स्मार्ट सिटी ने पिछले दिनों एक टेंडर निकाला था जो की भोपाल की डिवाइन टेक्नालॉजी कम्पनी को दिया गया है।
जिस कंपनी को थियेटर संचालित करने का ठेका दिया गया है, वह प्रायोगिक तौर पर महाकाल महालोक के त्रिवेणी मंडपम के पास बने ओपन थियेटर में वीआर हेडसेट के जरिए भस्मारती दर्शन करा रही है। इसके लिए कंपनी प्रति व्यक्ति 150 रुपए शुल्क लिया जा रहा है।
कंपनी के दीपक त्रिपाठी ने बताया कि करीब शो में श्री महाकाल की संपूर्ण भस्मारती, जिसमें आरती के पहले की तैयारी, श्रृंगार आदि के दर्शन भी होते हैं। सबसे खास बात यह है कि देखने को ऐसा अनुभव होता है कि वह नंदी हाल में भगवान महाकाल के ठीक सामने बैठकर भस्मारती के दर्शन कर रहा है। यह रोज शाम साढ़े चार से रात 9.३० बजे तक दिया जाता है।
भस्मारती, 84 महादेव, महाकाल सवारी सहित महाकाल यशोगान दिखाने के आध्यात्मिक थियेटर की तैयारी
प्रोजेक्ट के तहत भविष्य में एक आध्यात्मिक थियेटर बनाने की योजना है। इसके लिए मानसरोवर में कंपनी को जगह देने दी जा रही है। इस थियेटर में भगवान महाकाल की कहानियां, शहर के 84 महादेव मंदिर, भस्म आरती और महाकाल की सवारी, महाकाल का वैभव-यशोगान आदि को दिखाने की तैयारी है। आध्यात्मिक थियेटर में मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा, इतिहास सहित मंदिर में चलने वाले प्रकल्प और भस्म आरती के बारे में जान सकेंगे, ये सब एक थियेटर में अनुभव कराया जाएगा। थियेटर में धार्मिक आयोजन शो किये जा सकेंगे।
आध्यात्मिक थिएटर के लाभ
दर्शनाथियों को लाभ
थियेटर में बैठकर दर्शनार्थियों को मंदिर की विभिन्न आरती, भगवान महाकाल की सवारी तथा अन्य धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों की सीधी जानकारी मिलेगी। श्रद्धालु अगर भगवान महाकाल की सवारी देखना चाहते हैं, तो भी थियेटर में उन्हें ऐसा अहसास हो कि वे सवारी मार्ग में ही खड़े होकर भगवान महाकाल की सवारी देख रहे हैं। इसमें बैठकर भक्त स्पेशल इफेक्ट के माध्यम में भगवान महाकाल की विभिन्न आरती, सवारी, श्रावण महोत्सव आदि देख सकेंगे। उन्हें अहसास होगा की वे आरती में सम्मलित है।
मंदिर समिति को फायदा
महाकाल मंदिर समिति सूत्रों के मुताबिक मंदिर को समिति को तीन लाख रुपये प्रतिमाह देगी। जिस कम्पनी को ठेका मिला है वो कंपनी थियेटर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट करने जा रही है। यह एक प्रकार का मल्टीप्लेक्स की तरह रहेगा। कंपनी दर्शनार्थियों से कितना शुल्क लेगी, फिलहाल यह तय नहीं हुआ है। थ्री डी इफेक्ट और रियल्टी का अहसास दिलाने के लिए कम्पनी फिल्म का निर्माण करेगी।