पूर्व विधायक ने एसडीएम से कहा- पीडि़तों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू करें
नागदा, अग्निपथ। रविवार को आएं बवंडर में ईंट भट्टे भी तबाह हो चुके हैं। जिसका असर ईंटों के कारोबार पर पड़ा है। नागदा व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित लगभग 450 ईंट भट्टा संचालकों को करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। छोटे से छोटे ईंट कारोबारी को डेढ़ से दो लाख का नुकसान हुआ हैं। ऐसे में पीडि़तों को मुआवजा राशि दिलाने की पहल स्थानीय स्तर से होनी चाहिए।
यह बात पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने ईंट भट्टा संचालकों के पक्ष में एसडीएम आशुतोष गोस्वामी से कही। सोमवार को सर्किट हाउस पर बैठक आहुत की गई। जिसमें पूर्व विधायक शेखावत, एसडीएम गोस्वामी को ईंट भट्टा संचालकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए मुआवजे की मांग की। इस दौरान पूर्व विधायक ने मंदसौर में ईंट भट्टा संचालकों को बांटे गए मुआवजे का हवाला दिया।
पूर्व विधायक ने मंदसौर विधायक यशपाल सिह सिसौदिया से फोन पर चर्चा करते हुए मुआवजे की प्रतिलिपि मंगवाकर एसडीएम को सौंपी। जिसमें बताया कि 2016 में शिवराज सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पारित करके राजस्व परिपत्र की धारा 6 के अंतर्गत कुम्हारों को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। सरकार ने मुआवजा राशि भी बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दी थी। बैठक के बाद ईंट भट्टा संचालकों ने भी ज्ञापन एसडीएम व पूर्व विधायक को सौंपा।
ग्रुप इंश्योरेंस की पहल भी करेंगे
पूर्व विधायक ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में किसानों के बाद यदि सबसे ज्यादा कोई प्रभावित होता है तो वह ईंट भट्टा संचालक है। क्योंकि यदि ईंट भट्टा संचालक 5 लाख ईंटे बना रहा है तो जाहीर सी बात है कि 50 हजार ईंटे तो वह मौके पर रखता ही होगा। ऐसे में प्राकृतिक आपदा के समय उसे नुकसान झेलना पड़ता हैं।
ऐेसे में ईंट भट्टा संचालकों का ग्रुप इंश्योंरेस कराया जाए तो इसका लाभ सभी ईंट भट्टा संचालकों को मिलेगा। यदि एक ईंट भट्टा संचालक अपना इंश्योरेंस कराता है तो उसे सालाना अधिकतम 20 हजार रुपए प्रीमियम जमा करना पड़ेगी। ग्रुप इंश्योंरेस में प्रत्येक भट्टा संचालक पर किश्त का भार भी कम आएगा। पूर्व विधायक शेखावत ने कहा- जल्द ही संबंध में ईंट भट्टा सेवा समिति से चर्चा करके ग्रुप इंश्योरेंस की भी पहल करेंगे। ताकि आगे से ईंट भट्टा संचालकों को परेशानी नहीं हों।