हरिओम राय
प्रशासनिक संकुल भवन के सभाकक्ष में आगामी श्रावण-भादौ मास -2023 में भगवान महाकालेश्वर की निकलने वाली सवारी और नागपंचमी पर्व की दर्शन व्यवस्था की समीक्षा बैठक के लिए जुटे अधिकारियों ने परंपरागत मुद्दों पर चर्चा कर बैठक की इतिश्री तो कर ली लेकिन यह नहीं बताया कि मंदिर के आसपास मौजूद अव्यवस्थाएं कब तक सुधरेंगी। जनसंपर्क विभाग ने मीटिंग की ब्रिफिंग में सिर्फ वो ही जानकारी दी है जो निर्णय हर साल त्यौहारों के पहले होने वाली मीटिंग मेें लिये जाते हैं। इस साल हालात अलग है। मीडिया के जरिए इन अव्यवस्थाओं को लगातार उजागर किया जा रहा है, लेकिन इन मुद्दों पर जिम्मेदार मौन धारण किये हैं-
- चारों ओर रास्ते खुदे हुए हुए हैं, कब तक दुरुस्त होंगे।
- जिस टनल के जरिए 8 लाइन से दर्शन कराने का दावा किया जा रहा है वो कब पूरी होगी।
- सवारी मार्ग पूरा खुदा पड़ा है।
- बाहर से आने वाले श्रद्धालु किस रास्ते से मंदिर पर जाएं और अपने वाहन कहां पार्क करें।
- महाकाल मंदिर के ठीक सामने वाली सडक़ को पहले खोद दिया गया और अब यहां बालूरेती व गिट्टी के ढेर लगा दिए। इसके बाद चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई। इसी मार्ग से सवारी निकलती है।
- चौबीस खंभा माता मंदिर के पीछे के रास्ते को भी बंद कर दिया है। महाकाल मंदिर पहुंच मार्गों पर बैरिकेड्स की ऐसी किलेबंदी कर दी गई है कि श्रद्धालुओं से लेकर क्षेत्र के रहवासियों और व्यापारियों का आना-जाना मुश्किल हो गया है।
- ई-रिक्शा संचालकों में यात्रियों को अपने वाहन में बैठाने की प्रतिस्पर्धा में भी रास्ते जाम हो रहे हैं, क्योंकि सवारी मिलते ही बीच रास्ता हो या प्रमुख तिराहा या चौराहा, वे अपना वाहन रोककर यात्रियों को बैठाने में लगे रहते हैं।
- हरसिद्धि की पाल के समीप पर बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता बंद कर दिया। हरसिद्धि मंदिर से महाकाल जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग कर रखी।
- महाकाल लोक से रुद्रसागर के समीप के रास्ते को भी बंद कर रखा। हरिफाटक ब्रिज से जयसिंहपुरा जाने वाले रास्ते के बीच में बैरिकेड्स लगा दिए। महाकाल मंदिर मुख्य पहुंच मार्ग की ऐसी हालत हो रही है।
- ठेकेदार द्वारा तोड़ा गया प्राचीन मंदिर आज भी अधूरा है।