लापरवाही की इंतेहा: जिला अस्पताल में अभी तक शुरु नहीं हो पाई सोनोग्राफी

डॉक्टर-सोनोग्राफी कक्ष-मशीन भी उपलब्ध, इच्छाशक्ति की कमी के चलते नवीनीकरण तक नहीं हुआ

उज्जैन, अग्निपथ। पिछले माह जिला अस्पताल में सोनोग्राफी शुरु होने की कवायद चल रही थी जोकि इच्छाशक्ति की कमी के चलते अभी तक प्रारंभ नहीं हो पाई है। अभी तक सोनोग्राफी कक्ष का रिनोवेशन तक नहीं कराया गया है। सिविल सर्जन के इस मामले में रुचि नहीं लेने के कारण ऐसा हो रहा है। जिसके चलते गरीब मरीजों को सोनोग्राफी के लिये वेटिंग करना पड़ रही है।

जिला अस्पताल में पूर्व में सोनाग्राफी डॉयलिसिस रूम के प्रवेश द्वार के पास बने कक्ष में होती थी। लेकिन एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने के कारण चरक अस्पताल में प्रसूताओं के डिलेवरी केस निपटाने के लिये एकमात्र डॉक्टर अनिल भार्गव को वहां पर भेज दिया गया था। लिहाजा तब से लेकर अब तक जिला और माधव नगर अस्पताल में सोनोग्राफी एक तरह से बंद पड़ी हुई है। केवल चरक अस्पताल में ही एकमात्र डॉक्टर के भरोसे गरीब मरीजों की सोनोग्राफी की जा रही थी। जिसमें वेेटिंग के लिये चार से पांच दिन का इंतजार करना पड़ रहा है।

जिला अस्पताल में सोनोग्राफी पिछले माह की 25 जून तक शुरू करने की कवायद चल रही थी। लेकिन इस पर भी पानी फिर गया है। सिविल सर्जन इस मामले में रुचि नहीं ले रहे हैं। लिहाजा यह मामला जस का तस बना हुआ है।

वेटिंग करना पड़ रही मरीजों को

आज भी जिला, माधव नगर और चरक अस्पताल में आने वाली मरीजों की सोनोग्राफी चरक अस्पताल में की जा रही है। डॉ. अनिल भार्गव के एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट होने के कारण और मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण प्रसूताओं को छोडक़र दूसरे मरीजों को दो से तीन दिन की वेटिंग करना पड़ रही है। हालांकि अति गंभीर मरीजों को डॉ. भार्गव द्वारा हाथोंहाथ ले लिया जाता था। लेकिन जिला अस्पताल की सोनोग्राफी शुरु नहीं होने से एक ही अस्पताल में सोनोग्राफी के मरीजों को निपटाया जा रहा है।

एसी खराब, कक्ष की छत टपक रही

जिला अस्पताल के डॉ. जितेन्द्र शर्मा और माधव नगर अस्पताल डॉ. विक्रम रघुवंशी रेडियोलॉजिस्ट का कोर्स पूरा कर अपनी ड्यूटी संभाल चुके हैं। लेकिन इनसे केवल मरीजों के लिये दवाइयां लिखवाई जा रही हैं। जबकि इनसे रेडियोलॉजिस्ट का काम लिया जाना चाहिये। जिला अस्पताल के सोनोग्राफी कक्ष भी है और मशीन भी उपलब्ध है। इस कक्ष में लगा एसी खराब पड़ा हुआ है। वहीं सोनाग्राफी कक्ष की छत बारिश में टपकती है। रंगाई पुताई भी जरूरी है। इस मामूली से काम करवाये जाने को लेकर सिविल सर्जन द्वारा जबरन देर की जा रही है।

सोनोग्राफी शुरु करवाने को लेकर विधायकजी से भी बात हुई है। मामले में पीसीएंडपीएनडीटी एक्ट के लिये केवल आवेदन करने की जरूरत है। चार से पांच दिन में जिला अस्पताल में सोनोग्राफी शुरु हो जायेगी। -राजेश बोराणा, रोगी कल्याण समिति सदस्य

 

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