यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने का प्लान चढ़ा लापरवाही की भेंट

ई रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक के बावजूद बाहर के संचालित हो रहे

उज्जैन। पुराने शहर (खासकर महाकाल व आसपास) रोज चक्काजाम की स्थिति बनने से यातायात व्यवस्था बिगड़ रही हैं, जिसे पटरी पर लाना जिम्मेदारों के लिए चुनौती बन गया है। लिहाजा इस समस्या को दूर करने के लिए नया प्लान बनाया गया था। इस प्लान को शहर में आज तक लागू नहीं किया गया है। जिसके चलते पुराने शहर में लोगों का सडक़ों पर चलना दूभर हो गया है।

पुराने शहर में चक्काजाम की स्थिति महाकाल लोक लोकार्पण के बाद उमड़ रही पर्यटकों की भीड़ के चलते बनने लगी हैं। जयसिंहपुरा-महाकाल क्षेत्र, हरसिद्धि, ढाबा रोड, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, केडी गेट से नयापुरा-इमली तिराहा, कंठाल, नई सडक़, मालीपुरा से महाकाल मंदिर आदि मार्ग में ट्रैफिक से समस्या हो रही हैं।

परिवहन व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों ने परीक्षण में यह पाया कि सर्वाधिक समस्या ई रिक्शा व ऑटो रिक्शा के चलते होने लगी हैं। ये वाहन एक ही क्षेत्र में ज्यादा होने लगे हैं। शहर में इन दोनों टाइप के वाहन की संख्या भी ज्यादा हो रही हैं। लिहाजा इन बिंदुओं को ध्यान में रखकर समस्या से निजात पाने व भीड़-ट्रैफिक प्रबंधन का नया प्लान तैयार किया गया था। लेकिन इस पर आज तक अमल नहीं किया गया है।

दूसरे जिले के भी चल रहे शहर में

शहर में रजिस्टर्ड 3000 ई-रिक्शा और 4 हजार ऑटो रिक्शा है। भौगोलिक स्थिति व जरूरत के हिसाब से यह पर्याप्त हैं। अब दोनों तरह के नए वाहन के पंजीयन पर रोक लगा दी हैं। लेकिन शहर की हर सडक़ पर ईरिक्शा बड़ी संख्या में सडक़ पर दौड़ते नजर आ रहे हैं।

जानकारी में आया है कि महाकाल लोक के चलते बढ़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर देवास, नागदा, महिदपुर सहित अन्य शहरों से भी ईरिक्शा संचालक कमाई के लालच में उज्जैन की सडक़ों पर चला रहे हैं। हालंकि आरटीओ कार्यालय का कहना है कि यदि कहीं दूसरे जिले से पंजीकृत वाहन शहर में पाए जाते हैं तो वे कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

टैक्स वसूलने का मिशन फेल

अधिकांश ई रिक्शा महाकाल क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। इस क्षेत्र में इनकी संख्या में कमी लाने के लिए अब यह किया जा रहा है कि जो भी ई रिक्शा महाकाल क्षेत्र में सवारी लेने व छोडऩे जाएगा, उससे अतिरिक्त टैक्स वसूला जाए। यह टैक्स नगर निगम वसूलेगी। यह बिंदू अभी विचार में तो है लेकिन इसे जल्द लागू किये जाने की पहल शुरु नहीं की गई है।

प्रीपेड बूथ नहीं हो पाये शुरु

पिछले जनवरी माह में महाकाल, देवासगेट बस स्टैंड व नानाखेड़ा बस स्टैंड क्षेत्र में ऑटो रिक्शा संचालन के प्रीपेड बूथ शुरू किए जाने को लेकर मंथन हुआ था। इस व्यवस्था से बूथ के जरिए व मीटर से तय किराया चालक वसूल पाएंगे और उन्हें वाहन भी बूथ में नंबरिंग के हिसाब से लगाने होंगे। जरूरत के हिसाब से इन बूथ की संख्या बढ़ाई जाएगी। पूरे शहर में 11 से 14 बूथ बनाने पर बात हुई थी। लेकिन इस पर भी विचार तो हुआ लेकिन अमल नहीं।

एकांगी मार्ग का पालन भी नहीं करवा पाये

भीड़ प्रबंधन व यातायात कंट्रोल के लिए पुराने शहर में एकांगी मार्ग का पालन करवाने की तैयारी जोरशोर से की जा रही थी। यातायात विभाग ने इस पर काम भी शुरु कर दिया था कि कौन-कौन से मार्ग एकांगी रहेंगे। ताजा स्थितियों को ध्यान में रख इन्हें चिह्नित कर लिया गया था। लेकिन यह व्यवस्था भी लापरवाही की भेंट चढ़ गई।

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