फिलहाल बच्चों के केस शून्य, वयस्क आ रहे इसकी चपेट में
उज्जैन, अग्निपथ। कंजेक्टीवाइटिस या आई फ्लू के देश सहित प्रदेश में बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूलों ने भी अब एडवाइजरी (सलाह) जारी करना शुरू कर दिया है। छूत का रोग होने से ऐसे बच्चों को अब स्कूल आने से मना किया जा रहा है। हालांकि फिलहाल उज्जैन में स्थिति सामान्य है, बच्चों में इस प्रकार के मामले जिले में शून्य हैं। लेकिन प्रदेश के दूसरे जिलों में इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं।
बारिश का सीजन शुरू होने के बाद अगस्त माह में आंखों की यह बीमारी होना शुरू होती है। लेकिन अधिक बारिश हो जाने की वजह से इस बीमारी की शुरुआत जुलाई माह से ही होना शुरू हो गई है। आंखों का लाल होना और जलन होकर पानी बहना इसका मुख्य सिम्पटम है।
फिलहाल चरक अस्पताल में स्थित नेत्र रोग विभाग में प्रतिदिन आधा दर्जन व्यस्क मरीज अपने इलाज के लिये आ रहे हैं। गनीमत है कि अभी जिले में इस बीमारी की शुरुआत नहीं हुई है और अस्पताल में एक भी इस बीमारी से ग्रसित बच्चा नहीं आ रहा है। दैनिक अग्निपथ ने अपने 25 जुलाई के अंक में इस मामले को लेकर समाचार का प्रकाशन किया था। जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निलेश चंदेल ने इसके बचाव के उपाय के साथ साथ स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर नहीं जाने की सलाह भी दी थी।
पालकगणों को स्कूल न भेजने की सलाह
यह बीमारी बच्चों में अधिक फैलती है, लिहाजा स्कूल संचालक भी इस मामले में अलर्ट हो गये हैं। ताकि दूसरे छात्र इसकी चपेट में न आ सकें। आंखों की यह बीमारी चूंकि स्पर्श से एक दूसरे में फैल जाती है। इसलिये स्कूलों ने एडवाइजरी जारी कर पालकगणों से बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होने पर स्कूल न आयें। शिक्षकों को भी इस बारे में सतर्क किया गया है। बच्चों की छूटी हुई पढ़ाई को बाद में पूरा करवा दिया जायेगा।