उज्जैन, अग्निपथ। सावन सोमवार 14 अगस्त को भगवान महाकाल घटाटोप मुखारविंद स्वरूप में नए रथ पर सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले। सावन महीने की छठी सवारी में बाबा महाकाल के छह स्वरूप शामिल किये गये। चांदी की पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मन महेश, गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद स्वरूप सवारी में मौजूद हैं।
महाकाल की सवारी में आजादी के जश्न का नाजारा भी दिखा। यहां युवाओं ने भारत माता की झांकी निकाली। इस दौरान कलाकार देशभक्ति के गीतों पर थिरकतें नजर आए।
महाकालेश्वर मंदिर से सवारी की शुरुआत हुई। सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, अविनाश लवानिया भोपाल, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी महाराज, महापौर मुकेश टटवाल, विधायक पारसचंद्र जैन, निगम सभापति कलावती यादव, मध्यप्रदेश फार्मेसी कोंसिल अध्यक्ष ओम जैन, आयुक्त नगर पालिक निगम रोशन सिंह, मंदिर प्रशासक संदीप सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राजेंद्र शर्मा गुरु, श्री राम पुजारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए।
बडऩगर विधायक मुरली मोरवाल, तराना विधायक महेश परमार, घट्टिया विधायक रामलाल मालवीय, नागदा विधायक दिलीप गुर्जर, करण कुमारिया, पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत उज्जैन, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय, अशोक भाटी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदोरिया, विवेक यादव, माया त्रिवेदी, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आर.के तिवारी आदि उपस्थित थे।
सशस्त्र बल ने दी सलामी
मंदिर से बाहर भगवान महाकाल की सवारी को पुलिस की सशस्त्र बल टुकड़ी ने सलामी दी। बैंड-बाजे और ढोल-नागाड़ों के साथ भजन मंडलियां और भक्तों की मंडलियां सवारी के साथ-साथ चल रही हैं। सडक़ के दोनों ओर खड़े बाबा महाकाल के लाखों भक्तों ने जगह-जगह फूल बरसाकर स्वागत किया।
शिप्रा घाट पर हुआ पूजन अभिषेक
भगवान महाकाल की सवारी तय समय पर शाम करीब पौने 5 बजे शिप्रा तट पर पहुंची। यहां शिप्रा के जल से पालकी में विराजित भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु नदी के दोनों ओर घाट पर मौजूद रहे। श्रद्धालु भगवान महाकाल का जयकारा लगाते रहे। भगवान की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु दोपहर 1 बजे से राम घाट सवारी मार्ग में बैठे रहे। शिप्रा घाट पर पूजन के बाद सवारी गोपाल मंदिर के लिए रवाना हो गई।
गोपाल मंदिर पर हरि-हर मिलन
राम घाट पर अभिषेक पूजन के बाद भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर पहुंची। यहां हरि-हर का अद्भुत मिलन हुआ। गोपाल मंदिर के पुजारी ने बाबा महाकाल का पूजन आरती की। यहां से पालकी वापस महाकाल मंदिर के लिए रवाना हो गई। रात पौने आठ बजे सवारी पुन: महाकाल मंदिर पहुंची।