400 किसानों के खातों की जांच के लिए टीम बनाई
उज्जैन (राजेश रावत), अग्निपथ। लेकोड़ा सेवा सहकारी सोसायटी में घोटाला उजागर होने और किसानों के कलेक्टर कार्यालय घेरने के एक माह बाद जांच में पांच करोड़ के घोटाला की पुष्टि हो गई है। सेवा सहकारी सोसायटी के प्रबंधक निशिकांत चव्हाण पर घोटाले का आरोप हैं। उस पर 341 किसानों के खातों से की गई गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है। इसकी रिपोर्ट भी कलेक्टर को सौंपी जा चुकी है।
अब इस सोसायटी के 400 किसानों के खातों की जांच की जा रही है। इससे यह रकम बढ़ भी सकती है। सही आंकड़ा बताना अभी संभव नहीं है। यह बात केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी विशेष श्रीवास्तव ने कही। उन्होंने बताया कि मामला सामने आने के बाद केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंधक राजेश सिंह कुशवाह ने मामले की जांच की थी।
बैंक की तरफ से एफआईआर का आवेदन
जांच के बाद चिंतामण थाने में बैंक की तरफ से एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया था। 41 किसानों ने जो शिकायत की थी, उसके आधार पर जांच में पांच किसानों के खातों में साढ़े नौ लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई थी। उसके आधार पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद एक जांच समिति बनाई गई थी। इसके आधार पर मिले आवेदन और संदिग्ध लेने देने वाले खातों की जांच की गई।
2017-18 से खातों में प्रबंधक गड़बड़ी कर रहा
जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से किसानों के खातों में प्रबंधक गड़बड़ी कर रहा है। इसके बाद चार साल के आंकड़ों की जांच की गई तो 341 किसानों के खातों से पैसा निकालने का मामला सामने आया है। यह रकम चार करोड़ 25 लाख रुपए है। अभी जांच जारी है। इसलिए यह आंकड़ा अभी और अधिक बढ़ सकता है। वहीं सोसायटी के बाकी किसानों के खातों की जांच के लिए एक अलग जांच टीम बनाई गई है। इस टीम के सदस्य 400 किसानों के खातों की बारिकी से जांच कर रही है।
सीए और सहकारिता विभाग के तीन इंस्पेक्टरों को नोटिस
लेकोड़ा सोसायटी की जांच के दौरान सहकारिता विभाग के तीन इंस्पेक्टरों की गड़बड़ी सामने आई है। इसमें सोसायटी के आडिट के लिए जिम्मेदार इंस्पेक्टर हेमलता चंदेल, एमके गुप्ता (सेवानिवृत्त) और सीए आनंद लड्ढा को सहकारिता विभाग की तरफ से उनका पक्ष रखने का समय दिया गया है। इस सोसायटी की आडिट की जांच वर्तमान में इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को दी गई है। परन्तु रिकॉर्ड अभी उन्हें नहीं मिला है। इसलिए उन्हें नोटिस नहीं दिया गया है। इस संबंध में सीए आनंद लड्ढा से बात करने का प्रयास किया गया। परन्तु उन्होंने कॉल रिसिव नहीं किया।
इनका कहना
जिस समय मैंने लेकोड़ा सेवा सहकारी समिति का आडिट किया था, उस समय जो रिकॉर्ड उपलब्ध कराया गया था। उसी के आधार पर आडिट किया गया था। मेरे समय में कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। वर्ष 2018 में ऋण माफी हुई थी। किसानों ने माना था कि उन्होंने लोन लिया है। इसीलिए उनका ऋण माफ किया गया था।
-हेमलता चंदेल, तत्कालीन इंस्पेक्टर सहकारी संस्थाएं उज्जैन
लेकोड़ा सेवा सहकारी समिति की गड़बड़ी के मामले में मुझे नोटिस जारी हुआ है। इसकी जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि सोसायटी में गड़बड़ी हुई या नहीं। यह कागज देखने के बाद ही बता पाएंगे।
-एमके गुप्ता, तत्कालीन इंस्पेक्टर सहकारी संस्थाएं, उज्जैन (अब सेवानिवृत्त)
लेकोड़ा सेवा सहकारी सोसायटी के मामले की जांच की जा रही है। इसी के आधार पर समिति का आडिट करने वाले सहकारिता विभाग के आडिटरों को नोटिस दिया गया है। उनके जबाव के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-डीएस वाल्के, सहायक आयुक्त सहकारी संस्थाएं (प्रशासन) और जांच अधिकारी उज्जैन
हर साल आडिटर को सोसायटी अलग-अलग आडिट के लिए दी जाती है। लेकोड़ा सेवा सहकारी समिति में 2017 से अब तक के आडिट करने वाले इंस्पेक्टरों को नोटिस दिया गया है। उनका जबाव आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
-संजय कौशल, सहायक आयुक्त सहकारी संस्थाएं (अंकेक्षण) उज्जैन