जीरो बैलेेंस खातों से कराए थे ट्रांजेक्शन
धार, अग्निपथ। शहर की आईडीएफसी बैंक में खाते खुलवाने के बाद हुए करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन मामले में कोतवाली पुलिस टीम को बड़ी सफलता मिली हं। पुलिस ने इस मामले में एक अन्य बैंक में पदस्थ डिप्टी मैनेजर पवन सचदेवा, आईडीएफसी बैंक में कार्यरत रह चुके राहुल राठौर (चौहान) सहित एजेंट पूर्वेश प्रजापत को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी धार छोडऩे की फिराक में थे। ऐसे में पुलिस की दो टीमें अलग-अलग स्थानों से आरोपियों को लेकर थाने पर आई है।
दरअसल मामला कुम्हार गड्ढा क्षेत्र से शुरु हुआ था। तीन दिन पहले अभिभाषक अंकित यादव के माध्यम से एक आवेदन एसपी सहित थाने पर सौंपा था। अभिभाषक यादव के अनुसार पूर्वेश प्रजापत ने स्वयं की बैंक में नौकरी लगने की बात क्षेत्र के लोगों को बताई तथा बताया कि नौकरी लगने पर बैंक खाते खुलवाने का टारगेट मिला है। पूर्वेश प्रजापत ने मोहल्ले में रहने वाले अपने दोस्तों सहित परिचितों को खाते खुलवाने के लिए कहा। जिसमें बताया कि आईडीएफसी बैंक द्वारा जीरो बैलेंस खाता खुलवाने की स्कीम शुरु की गई हैं, बैंक अभिकर्ता राहुल राठौर (चौहान) ने कुम्हार गड्ढा में लोगों के घर आकर खाते खोले व बैंक से वेलकम किट के नाम पर सभी को पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड भी दिए थे।
इनमें से करीब 17 युवकों के खातों में सवा 6 करोड रुपए जमा हुए थे। जिसके बाद पुलिस ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक आईडीएफसी बैंक, अन्य बैंक में पदस्थ डिप्टी मैनेजर पवन, राहुल व पूर्वेश सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। मामले में पूरी विवेचना एसपी मनोज कुमार सिंह के निर्देशन व सीएसपी रविंद्र वास्कले के मार्गदर्शन में शुरु की गई।
पुलिस ने बैंक को लिखा पत्र
कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आईड़ीएफसी बैंक को एक पत्र लिखा है। जिसमें बैंक से ये पूछा गया कि आरोपी राहुल राठौर कब से कब तक पदस्थ रहा। इसके द्वारा बैंक में कुल कितने खाते खोले गए। वहीं इस दौरान बैंक का शाखा प्रबंधक कौन रहा है उसके बारे में भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही यस बैंक में पदस्थ रहे डिप्टी मैनेजर को लेकर भी एक पत्र लिखा है। आरोपी राहुल व पूर्वेश को धार में बस स्टैंड रोड से तथा पवन को त्रिमूर्ति रोड से गिरफ्तार किया है।