शाम को बढ़ी रौनक, खूब हुई बहीखातों की बिक्रीं
शाजापुर, अग्निपथ। शहर के व्यापारियों को उम्मीद थी कि पुष्य नक्षत्र से बाजार में रौनक आ जाएगी। इसके लिए व्यापारियों ने पहले से ही तैयारी भी करके रखी हुई थी। रविवार को दिन में तो व्यापारी ग्राहक का इंतजार करते रहे, लेकिन शाम होते ही बाजार में लोगों की भीड़ बढ़ गई और आशानुरूप लोगों ने खरीदी की।
सभी को दीपावली पर्व से खासी उम्मीदें है। इसके पहले पुष्य नक्षत्र पर व्यापारियों ने ग्राहकों के लिए तैयारी कर रखी थी। इस दिन बाजार में लोग ग्राहकी के लिए आए। जिससे बाजार में चहल-पहल बढ़ी। हालांकि व्यापारियों को अभी-भी अच्छी ग्राहकी का इंतजार है। रविवार को पुष्य नक्षत्र में भी लोगों ने बाजार में उपस्थिति दर्ज कराई और इस दिन करोड़ों का व्यापार हुआ। लोगों ने भूमि-भवन के सौदे और ऑटोमोबाइल सेक्टर में मुख्य रूप से बूम रही। जिलेभर में सैकड़ों वाहनों की बिक्री हुई। इससे करोड़ों रुपए का कारोबार हुआ तो चार पहिया वाहनों के प्रति भी लोगों ने रूचि दिखाई। जिससे इस क्षेत्र में अच्छा व्यापार हुआ। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा, बर्तन, किराना में भी अच्छा व्यवसाय हुआ। व्यापारियों का मानना है कि अभी तो ग्राहकी कमजोर रही, लेकिन धनतेरस से बाजार में बूम आ जाएगा।
बहिखातों की जमकर हुई खरीदारी
व्यापारी वर्ष भर हिसाब-किताब लिखने के लिए बहिखातों की खरीदी भी पुष्य नक्षत्र पर विशेष मुहूर्त में करतें हैं। ऐसे में पुष्य नक्षत्र पर अनेक व्यापारियों ने बहिखातों की खरीदी की। इस दौरान बहिखाता के विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को प्रतिष्ठान के अंदर बैठने की व्यवस्था की गई। वहीं पूजन सामग्री भी रखी गई। जिससे व्यापारियों ने शुभ मुहूर्त में बहिखातों की खरीदारी करके विधिवत पूजन के बाद उन्हें उठाया और अपने साथ ले गए।
मंदिर में हुई नए वाहनों की पूजा
रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र होने से बाजार गुलजार रहा। इस दिन लोगों ने शुभ मुहूर्त में बहीखाते, जेवरात और वाहन खरीदे और वाहन लेकर वे सीधे मां राजराजेश्वरी मंदिर पहुंचे जहां विधि-विधान से पूजन के बाद वाहन मालिकों ने अपने वाहनों का उपयोग किया। पं. अनिल नागर ने बताया कि पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं। पुष्य नक्षत्र का दिवाली से पहले आगमन बेहद बहुत शुभ माना जाता है। इसमें किए गए कार्य शुभंकर होते हैं। यहां भी कई लोग अपने नए वाहन लेकर आए हैं जिनका पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की गई।