क्रिटिकल केयर यूनिट बनने के चलते बड़ के पेड़ के नीचे से किया विस्थापित
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट बनाया जा रहा है। इसमें गंभीर एक्सीडेंटल केसों को हेंडल किया जायेगा। लेकिन इस यूनिट के बनाने का खामियाजा इंसानों के दोस्त पेड़ों को भुगतना पड़ा है। इसके साथ ही यहां पर पुरातात्विक धरोहर की एक शिव प्रतिमा भी थी, जिसको यहां से हटाकर जेल वार्ड के बाहर पटक दिया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि किसी ने भी इसकी खोजखबर नहीं ली है।
पुराने आरएमओ आफिस को जमींदोज कर इसके पीछे की जमीन पर 50 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट बनाया जा रहा है। यहां पर वर्षों पुराना एक बड़ का पेड़ था, जिसको काट दिया गया है। इसके नीचे स्थापित शिव प्रतिमा को यहां से हटाकर जेल वार्ड के सामने स्थित नीम के पेड़ के नीचे रख दिया गया है।
इस शिव प्रतिमा का जलाभिषेक करने के लिये शिखर पर एक चौकोर आकार का छेद बना हुआ है। यहां से जल डालने पर बहता हुआ भगवान शिव का जलाभिषेक हो जाता है। काले पत्थर पर शिव प्रतिमा को उकेरा गया है। जो भी गौर से इस शिव प्रतिमा वाले पत्थर को देख रहा है, उसको समझ नहीं आता है। लेकिन जब अपना दिमाग लगाता है, तो उसको समझ आ जाता है कि जिसने भी इस पुरातात्विक धरोहर को बनाया है। उसने गजब की शिल्पकारी की है।
स्टाफ है नहीं, यूनिट पर यूनिट बनाये जा रहे
जिला अस्पताल में 100 बेड का सुपर स्पेशलिटी यूनिट और 50 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट बनाई जा रही है। इसी तरह से माधव नगर अस्पताल में एचडीयू-पीआईसीयू, जनरल वार्ड बनाया जा चुका है। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण इस पर ताले लगे हुए हैं। अस्पताल प्र ाारी द्वारा 100 प्रशिक्षित स्टाफ सिविल सर्जन से मांगा गया है। करीब चार माह पहले इसका उदघाटन हो चुका है, लेकिन अभी तक स्टाफ की व्यवस्था नहीं हो पाई है।
इसी तरह से अब माधव नगर अस्पताल की दूसरी मंजिल पर 28 करोड़ की लागत से एक और वार्ड बनाया जा रहा है। यहां के लिये भी स्टाफ कहां से लायेंगे, यह तो जि मेदार ही जानें। वहीं जिला अस्पताल की दोनों यूनिट बन जाने के बाद यहां पर भी स्टाफ की कमी आयेगी, क्योंकि शासन द्वारा बड़े पैमाने पर पैरामेडिक स्टाफ की भर्ती नहीं की जा रही है। ऐसे में कांक्रीट के जंगल तो बन दिये गये हैं, लेकिन इसमें कार्य करने के लिये आगामी दिनों की स्टाफ की कमी झेलना पड़ेगी।
पुराने आधा दर्जन पेड़ों को बनाया ठूठ
इस जमीन पर करीब एक दर्जन पेड़ लगे हुए हैं, जोकि काफी पुराने हैं। जिस बड़ के पेड़ के नीचे शिव प्रतिमा विराजित थी। उस पेड़ की लंबी जटाओं को भी जमींदोज कर दिया गया है। बड़ के पेड़ की कटाई छंटाई कर उसको ठूंठ में बदल दिया गया है। ऐसे ही काफी मोटे तने वाले करीब आधा दर्जन पेड़ों को क्रिटिकल केयर यूनिट बनाने के चक्कर में ठूठ बना दिया। ज्ञात रहे कि हाल ही में जिला अस्पताल परिसर में जिला क्षय केन्द्र बनाने के दौरान अड़चन बन रहे नीम और पीपल के पेड़ों को नहीं काटते हुए नई बिल्डिंग का नक्शा ही बदल दिया गया था। इस तरह से दो पेड़ों की जान बचा ली गई थी।