गुरू पंचामृत द्वादश पुष्प अमृत महोत्सव में 80 ब्राह्मण कर रहे यज्ञ
उज्जैन, अग्निपथ। राम जानकी मंदिर खाकी अखाड़ा मंगलनाथ रोड़ खाक चौक पर आयोजित सहस्त्र चंडी नवकुंडीय यज्ञ में 9 दिन में दुर्गा सप्तशती के 1000 पाठ होंगे। यहां 80 ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ किया जा रहा है जिसमें 5 लाख से अधिक आहुतियां डाली जाएंगी।
खाकी अखाड़े के श्रीमहंत अर्जुन दास महाराज ने बताया कि ‘गुरू पंचामृत द्वादश पुष्प अमृत महोत्सव में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ, श्रीरामार्चन महायज्ञ (पूजन), सहस्त्रचंडी नवकुंडीय महायज्ञ, नवकुंडात्मक नवदिवसीय सहस्त्रचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। महंत अर्जुनदास खाकी गुरू रामदुलारेदासजी महाराज, अखिल भारतीय पंच रामानंदीय खाकी अखाड़ा, उज्जैन बैठक, श्रीराम जानकी मंदिर खाकी अखाड़ा मंगलनाथ रोड़ खाक चौक उज्जैन, लंबे हनुमान मंदिर गिरनार तलेटी जूनागढ़ गुजराती द्वारा आयोजित इस महोत्सव में यज्ञ किया जा रहा है।
विशेष महत्व है सहस्त्रचंडी यज्ञ का
ज्योतिषाचार्य पंडित चंदन श्याम नारायण व्यास ने बताया कि सहस्त्र चंडी यज्ञ का विशेष महत्व है। वहीं यज्ञ शाला की परिक्रमा का भी विशेष महत्व है। दूर दूर से लोग यज्ञ दर्शन एवं यज्ञशाला की परिक्रमा करने हेतु आ रहे हैं। आपने बताया कि यज्ञशाला की परिक्रमा करने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है।
भगवत कृपा से मिला है मानव शरीर, भजन जरूर करें
महोत्सव में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में आचार्य डॉ. रामानंद दास महाराज ने भगवान कपिल द्वारा मां को दिये उपदेश की कथा सुनाई। कथा के चतुर्थ दिवस पुरेजनोपाख्यान, प्रियव्रत, जड़भरत अजामिल एवं प्रहलाद चरित्र भी समझाया।
महाराजने कहा कि जो जिस चीज का अधिकारी नहीं है उसे नहीं देना चाहिये। जिसे जिसकी समझ नहीं उसे वो दोगे तो वह उसका दुरूपयोग करेगा या उपयोग नहीं करेगा। संसार के सभी प्राणी मनु की संतान है, इसलिए हम सब मनुष्य है। मनु लिखने के बाद ही मनुष्य बनेगा या मानव बनेगा। शरीर भगवान ने कृपा कर दिया है तो भजन करे, परिवार समाज के लिए उपयोग करें, इसका नाश होना ही है, इसे दिन रात सजाकर सहेजकर रखना व्यर्थ है।