भस्म आरती दर्शन के लिए शिवरात्रि के बाद मिलेगा भक्तों को प्रवेश

कलेक्टर ने मंदिर परिसर का निरीक्षण कर पुजारी पुरोहित से की रायशुमारी

उज्जैन, अग्निपथ। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे विस्तारीकरण कार्य में बाहर से ही शिखर दर्शन हों ऐसी योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए मार्बल गलियारे की दीवार हटाई जाएगी। भस्मारती शिवरात्रि के बाद शुरू होगी। शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने मंदिर में चल रहे विकास कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान पुजारी पुरोहित से रायशुमारी भी की।

कलेक्टर ने सती माता मंदिर के पीछे चल रही खुदाई और समतलीकरण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने महेश पुजारी और पुरोहित समिति सदस्य अशोक शर्मा से मंदिर के विस्तारीकरण के अंतर्गत सुझाव भी लिए। महेश पुजारी ने उनको सुझाव देते हुए कहा कि मंदिर प्रांगण क्षेत्र का विस्तारीकरण होना चाहिए। ताकि बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु आसानी से परिसर में समाहित हो सकें। इसके साथ ही महाकाल शिखर और ओंकारेश्वर मंदिर भी साफ-साफ दिखाई दे। इसके लिए मार्बल गलियारे की दीवार को हटाया जाए। फिलहाल मार्बल गलियारे का रैम्प चार फीट ऊंचा और ओंकारेश्वर का नीचा है। समतलीकरण हो जाएगा तो ओंकारेश्वर मंदिर प्रांगण सती माता मंदिर के आगे तक हो जाएगा।

साथ ही उन्होंने ऐसे पक्के निर्माण कार्य करने को कहा है जो अगले 100 से 200 साल तक चल सकें। पतरे और लोहे के निर्माण को हटाने को भी कहा है। उन्होंने सुझाव देते हुए यह भी कहा कि मंदिर में सागी की लकड़ी और धौलपुरी पत्थरों से निर्माण किया जाए।

यज्ञशाला का हो विस्तार

मंदिर में जूना महाकाल के सामने नई यज्ञशाला छोटी होने के कारण बड़ी संख्या में पूजन अनुष्ठान यहां पर नहीं हो सकते। इसको देखते हुए महेश पुजारी ने जूना महाकाल मंदिर के बगल में पड़ी जमीन तक यज्ञशाला का विस्तारीकरण करने का सुझाव दिया है। एक तरह से यह अनुष्ठान केन्द्र बन जाए।

पालकी द्वार होगा चौड़ा

सभामंडप से पालकी निकालते समय पालकी द्वार छोटा पड़ता है। फिलहाल की स्थिति में यह 12 फीट का है। पुजारी पुरोहितों से मिले सुझाव के तहत इसको 20 फीट चौड़ा किया जाएगा। श्रावण-भादौ मास और दशहरे पर निकाली जाने वाली सवारी में पालकी को यहां से निकालने में परेशानी आती है।

इसलिए भस्मारती दर्शन शिवरात्रि बाद

महेश पुजारी द्वारा एक सुझाव भस्मारती पर भी दिया गया है। कलेक्टर द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के दौरान गर्भगृह में जल चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रवेश करेंगे। जिससे मंदिर की व्यवस्था प्रभावित होगी। भस्मारती को शिवरात्रि के बाद शुरू किया जाए। ताकि अव्यवस्था का आलम न बन सके। निरीक्षण के दौरान उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ सोजानसिंह रावत, कार्यपालन यंत्री केसी पाटीदार, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतिक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी, सहायक यंत्री शैलेन्द्र जैन सहित अन्य अधिकार उपस्थित थे। कलेक्टर श्री सिंह सौजन्य भेंट करने के लिए महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरी से मिलने भी पहुंचे।

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