नहीं मिलता शव वाहन: शवों को निजी वाहनों से ले जाना मजबूरी

जिला अस्पताल में एक भी शव वाहन नहीं, तीन वाहन भंगार में अस्पताल के पीछे पड़े

उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल सहित जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज की मौत होने के बाद शव को ले जाने के लिए अस्पताल शव वाहन उपलब्ध करवाया जाता है। लेकिन जिला अस्पताल उज्जैन में एक भी शव वाहन डेड बॉडी ले जाने के लिये उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य विभाग भोपाल पहले ही शव ले जाने के लिये एम्बुलेंस की उपलब्धता पर बैन लगा चुका है। नगर निगम या नगरीय निकाय भी शव वाहन उपलब्ध नहंी करवाते हैं। ऐसे में अस्पतालों में शव को ले जाने के लिए मरीजों के परिजनों को निजी वाहनों में भारी भरकम पैसा खर्च कर घर ले जाना पड़ता है।

कहने को तो उज्जैन का जिला अस्पताल संभागीय अस्पताल है। यहां पर इलाज करवाने के लिये पूरे संभाग से मरीज आते हैं। इनमें से कई की बीमारी से मौत भी हो जाती है। ऐसे में मरीज के परिजन दूर दूरस्थ स्थित अपने घर तक डेड बाडी ले जाने के लिये शव वाहन मांगते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिला अस्पताल में शवों को ले जाने के लिए एक भी शव वाहन नहीं है। पूर्व में एक शव वाहन था जोकि जर्जर अवस्था में था। अब वो भी भंगार होकर अस्पताल के पीछे पड़ा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। अस्पताल के पीछे तीन शव वाहन पड़े हुए हैं, जिनको सुधरवाने की सुध जिला अस्पताल प्रबंधन ने लेना उचित नहीं समझा है।

निजी वाहनों में ले जाना मजबूरी

जिला अस्पताल में शव वाहन नहीं होने के कारण मरीज के परिजन डेड बार्डी को अपने घर ले जाने के लिये निजी वाहन का उपयोग करते हैं। उनको इस पर भारी भरकम पैसा खर्च करना पड़ता है। डेड बाडी ले जाना मरीज के परिजन की मजबूरी रहती है। लिहाजा निजी वाहन संचालक इसका फायदा भी उठाते हैं। ऐसे में मृत मरीज के परिजनों को पैसा खर्च का शवों को ले जाना मजबूरी हो जाता है।

एम्बुलेंस को पहले ही कर चुके प्रतिबंधित

मरीज के परिजन डॉक्टरों से विवाद करते हुए शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की मांग करते हैं और आरोप लगाए जाते हैं कि हमारे मरीज का ठीक से इलाज भी नहीं किया है, जिससे उसकी मृत्यु हो गई है और मृत्यु होने के बाद शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी नहीं दी गई है। संचालनालय स्वास्थ्य विभाग भोपाल पहले ही पत्र जारी कर आदेश दे चुका है कि किसी भी मृतक का शव एम्बुलेंस में नहीं भेजा जाएगा।

संयुक्त संचालक परिवहन संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं ने आदेश जारी किया है। शव वाहन की व्यवस्था नगरीय विकास एवं आवास विभाग के तहत नगर निगम, नपा व नगर निकाय द्वारा की जाना चाहिये। लेकिन नगरनिगम भी इस ओर से अपनी आंखें मूंदा हुआ है।

इनका कहना

शव वाहन की व्यवस्था के लिये नगरनिगम को पत्र लिखा जायेगा।
– अशोक पटेल, सीएमएचओ उज्जैन

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