फागिंग मशीन निगम वर्कशॉप में खा रहीं धूल, जिम्मेदार कह रहे..चल तो रही हैं

नगर निगम

हर दिन हो रही शिकायतें, निगम की व्यवस्थाओं पर भारी पड़ रहे कीट

उज्जैन, अग्निपथ। नगरनिगम की मच्छर भगाने वाली फागिंग मशीन शहर में अभी तक दिखाई नहीं दी है। 54 वार्डों में दवा छिडक़ाव के लिए नगर निगम के पास केवल पांच फॉगिंग मशीन हैं। हैंड माउंटेड फागिंग मशीन भी हैं, जिनका उपयोग लिया जा सकता है। लेकिन नगरनिगम केवल नालों की सफाई के काम में ही व्यस्त है। जबकि शहर के हर परिवार में रात्रि के समय मच्छर मारने की क्वाइल अथवा लिक्विड का उपयोग करना पड़ रहा है। इसके बिना चैन से नहीं सोया जा सकता। हालांकि जनप्रतिनिधि दावा कर रहे हैं कि फागिंग मशीन शहर में लगातार संचालित की जा रही है।

बारिश के समय आने वाला है और इन दिनों मच्छर लोगों के दिन और रात का चैन छीनने के लिये घरों में डेरा डालेंगे। हालांकि गर्मी के दिनों में भी हर इलाके में मच्छरों की संख्या में इतना इजाफा हो गया है कि घरों के अंदर और बाहर बैठना तक दूभर है, लेकिन इनके रोकथाम के लिए नगर निगम की ओर से कोई सुध नहीं ली जा रही हैं। शहर मेंं मच्छरों का प्रकोप इतना अधिक हो गया है कि शाम होते ही मच्छर डंक मारने लगते हैं। सिर्फ मोहल्लों और कॉलोनियों में ही नहीं अस्पतालों में भी मच्छर मरीजों को परेशान कर रहे हैं।

तीन में से दो फॉगिंग मशीनें बंद

नगर निगम की सीमा में मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की होती हैं। इसके लिए फॉगिंग मशीन चलाई जाती है। निगम रिकॉर्ड के अनुसार शहर के 54 वार्डों में दवा छिडक़ाव के लिए नगर निगम के पास केवल तीन फॉगिंग मशीन हैं, जिसमें से केवल एक मशीन ही चालू हालत में है, शेष दो मशीनें धूल खा रही हैं।

कंट्रोल रूम में आ रही रोजाना शिकायतें

नगर निगम कंट्रोल रूम में रोजाना 20-25 शिकायतें मच्छर के प्रकोप से परेशान लोग कर रहे हैं। लेकिन नगर निगम की टीम शहरवासियों को मच्छरों के डंक से बचाने के लिए न तो फॉगिंग मशीन का उपयोग कर रही है और ना ही उनका विनिष्टीकरण किया जा रहा है। शहर के पॉश इलाके हो या फिर निचली बस्तियां हर कोई मच्छरों के प्रकोप से परेशान है।

सम्मानीय जनप्रतिनिधि ने बोला- चल तो रही हैं

नगरनिगम द्वारा शहर के छोटे बड़े 70 के करीब नालों की सफाई का काम दु्रत गति से किया जा रहा है। कलेक्टर नीरजसिंह के निरीक्षण के बाद इसकी गति और बढ़ा दी गई। लेकिन इन नालों में पनप रहे मच्छरों की ओर किसी का भी ध्यान नहीं गया है। ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष कंठाल चौराहा से फागिंग करते हुए नगरनिगम द्वारा डेमो भी प्रदर्शित किया गया था। पिछले वर्ष फागिंग मशीन का सही उपयोग किया गया था। लेकिन इस वर्ष ढाक के तीन पात हो रहे हैं।

नगरनिगम के एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि से जब फागिंग मशीन के बारे में में पूछा तो उनका कहना था कि सभी वार्डों में इसका संचालन किया जा रहा है। बड़ी हास्यास्पद बात है कि शहर के लोगों ने कभी भी इन फागिंग मशीनों को शहर की सडक़ों पर चलता नहीं देखा है।

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