तेज बारिश की स्थिति में चैंबर पर कर्मचारी रहेंगे तैनात, कलेक्टर ने मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों को भी देखा
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में बारिश के पानी से जल जमाव की होने वाली स्थिति से निपटने के लिए अब जल्द ही सेंसर लगाए जाएंगे। जिससे मंदिर के गर्भ गृह तक बारिश का पानी पहुंचने से पहले पता चल सकेगा की कहाँ पर जल जमाव की स्थिति है।
पिछले वर्ष तेज बारिश के कारण नंदी हाल और गर्भगृह में भी पानी भर गया था। सुबह जब भस्मारती के लिए पंडे-पुजारी पहुंचे तो पानी घुटनों तक भरा मिला। तुरंत बड़ी मोटरे लगाकर पानी खाली करवाया गया और सफाइ करवाई। इस कारण भस्मारती भी देरी से शुरू हुई थी। निर्माण कार्यों के कारण जलनिकासी व्यवस्था ठप हो जाने के कारण ऐसी स्थिति बनी थी। इस बार प्रशासन बारिश शुरू होते ही जलनिकासी को लेकर अलर्ट हो गया है और इसके स्थाई इंतजाम में जुट गया है।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने गुरुवार सुबह मंदिर पहुंचकर मंदिर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने कहा कि वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए बारिश का पानी जब तेज होने लगे तो चेंबर के पास कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए ताकि वे सही समय पर पानी की निकासी करवा सके ताकि मंदिर के गर्भ गृह और आंतरिक परिसर में पानी ना आ सके। इसके अतिरिक्त वर्षा का पानी अंदर आने से रोकने के लिए कुछ स्थानों पर सेंसर लगवाए जाएं जो पानी का स्तर बढऩे पर सक्रिय हो जाएं।
रुद्र सागर में यदि जल स्तर बारिश के दौरान बढ़ता है तो पंपिंग के माध्यम से बारिश का पानी की निकासी की व्यवस्था की जाए। भ्रमण के दौरान जानकारी दी गई की नंदी हॉल में नए मार्बल लगाया जाना प्रस्तावित है। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा महाराजवाड़ा से मंदिर तक जोड़े जाने वाली टनल में चल रहे हैं निर्माण कार्य और भगवान महाकालेश्वर के शिखर दर्शन के लिए बनाए गए परिसर का अवलोकन किया गया। परिसर में टनल के लिए बनाए गए डक्ट के आसपास रेलिंग लगाई जाने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर ने अन्य निर्माण कार्य भी देखे
कलेक्टर द्वारा श्री महाकाल महालोक के द्वितीय फेस के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया गया तथा निर्धारित समय सीमा में कामों को पूरा करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर सिंह ने कहा कि श्री महाकालेश्वर मंदिर का आगामी 10 सालों का एकीकृत प्लान बनाया जाएगा। उन्होंने पानी की निकासी के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि मंदिर का जो भी निर्माण कार्य है जिनके लिए जो कार्य योजना बनाई गई है उसे शासकीय अभिलेख में भी विधिवत दर्ज किया जाए। इस दौरान प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति मृणाल मीना, सीईओ यूडीए संदीप सोनी, नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक एवं अन्य अधिकारी गण मौजूद थे।