सावन में महाकाले मंदिर में दर्शन व सवारी की व्यवस्था प्रबंध समिति की बैठक में तय
उज्जैन, अग्निपथ। जैसा की चर्चाएं चल रही थी कि सुलभ दर्शन के लिए भगवान महाकाल की पालकी की ऊंचाई बढ़ेगी या फिर आदमकद बेरिकेड्स छोटे होंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा। भगवान महाकाल की सवारी में सब कुछ यथावत ही रहेगा, सुलभ दर्शन के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगे दो वाहन जरूर सवारी में जोड़े गये हैं। जो सवारी में सबसे आगे और आखिरी में चलेंगे।
यह निर्णय गुरुवार शाम को श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की बैठक में लिया गया। महाकाल महालोक के कंट्रोल रूम मे आयोजित बैठक के बाद मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। मंदिर समिति की ओर से बताया गया कि एलईडी लगे दो वाहन सवारी में जोड़े गये हैं जो आगे और सबसे आखिरी में चलेंगे। इन वाहनों में तीन साइड पर बड़ी स्क्रीन लगी रहेगी जिसमें पालकी में विराजित चंद्रमौलेश्वर के लाइव दर्शन लगातार चलेंगे।
एसपी प्रदीप शर्मा ने सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बताया कि सवारी मार्ग पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है। पुलिस जवानों को सवारी के दौरान दर्शनार्थियों के साथ किये जाने वाले सद्व्यवहार के बारे मेें ट्रैनिंग भी आयोजित करने की तैयारी की गई है।
बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, मंदिर प्रशासक मृणाल मीना, महंत पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा विनित गिरी महाराज, अशासकीय सदस्य पुजारी प्रदीप गुरू, राजेन्द्र शर्मा (गुरू), पुजारी श्रीराम शर्मा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी अनुकूल जैन, निगम आयुक्त आशीष पाठक, विकास प्राधिकरण सीईओ संदीप सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयंत राठौर इत्यादि सदस्य उपस्थित थे।
भस्मारती व्यवस्था: चलित दर्शन के लिए प्रवेश अवंतिका द्वार से
श्रावण-भादौ मास में 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक सुबह 3 बजे पट खुलेगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती 2.30 से 4.30 बजे से शुरू होगी, अन्य दिनों भस्म आरती सुबह 3 से 5 बजे तक होगी। 3 सितम्बर से पट खुलने का पुन: बदलकर पूर्वानुसार हो जायेगा। अवंतिका द्वार से भस्म आरती में चलित दर्शन के लिए प्रवेश होगा। भस्म आरती के दौरान श्रद्धालु कार्तिकेय मण्डपम की अन्तिम तीन पंक्तियों से चलित भस्म आरती दर्शन कर सकेंगे।
भस्म आरती में पंजीयनधारी यहां से करेंगे प्रवेश
- श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में पंजीयनधारी श्रद्धालुओं के प्रवेश सम्बन्धी व्यवस्था मानसरोवर भवन एवं गेट-1 से निर्धारित रहेगी।
- श्रावण-भादौ मास के अवसर पर मन्दिर के पुजारी, पुरोहित एवं मीडिया प्रतिनिधियों के लिये बड़ा गणेश मन्दिर के समीप वाली गली से गेट-4 से मन्दिर में प्रवेश कर विश्रामधाम, रैम्प के रास्ते सभा मण्डप होते हुए प्रवेश कर सकेंगे।
- विशिष्ट व अतिविशिष्ट श्रद्धालु नीलकंठ मार्ग से होते हुए सत्कार कक्ष में पहुंचेंगे। तदुपरांत निर्माल्य द्वार से मन्दिर में प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार के रास्ते नगाड़ा गेट से नन्दी मण्डपम/गणेश मण्डपम के प्रथम बेरिकेड से भगवान श्री महाकाल के दर्शन कर सकेंगे और दर्शन उपरांत श्रद्धालु पुन: इसी मार्ग से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
- शीघ्र दर्शन व्यवस्था (250/- रु.) के तहत दर्शनार्थी गेट-4 के रास्ते विश्रामधाम रेम्प, सभा मण्डपम होते हुए गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन करेंगे। गेट-1 के रास्ते फेसेलिटी सेन्टर-1 व्यूकटर के रास्ते मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। दर्शन उपरांत निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से मन्दिर से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
- कावड़ यात्रियों के लिए शनिवार, रविवार और सोमवार को विशेष व्यवस्था नहीं रहेगी। इन दिनों के अलावा पूर्व-सूचना देकर आने पर गेट-4 से प्रवेश दिया जाकर विश्रामधाम, रैम्प, सभा मण्डपम में जलपात्र के माध्यम से बाबा महाकाल को जल अर्पण करने की व्यवस्था निर्धारित रहेगी। गेट-1 के रास्ते फेसेलिटी सेन्टर-1, टनल के रास्ते मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकाल को जल अर्पण करेंगे।
- ऐसे कावड़ यात्री जो बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे मन्दिर पहुंचते हैं अथवा शनिवार, रविवार, सोमवार को कावड़ लेकर आते हैं तो उन कावड़ यात्रियों की दर्शन व्यवस्था सामान्य श्रद्धालु की भांति निर्धारित रहेगी। कावड़ यात्री कार्तिक मण्डपम में लगे जलपात्र में जल अर्पण करेंगे। शनिवार, रविवार, सोमवार को किसी भी कावड़ संघ को अनुमति अथवा विशेष द्वार से प्रवेश करने की सुविधा प्राप्त नहीं होगी।
आम दर्शनार्थी महाकाल महालोक से प्रवेश कर मानसरोवर से अंदर जायेंगे
सामान्य दर्शन व्यवस्था श्रावण-भादौ मास में त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नन्दी द्वार, श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेन्टर-1, टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन दर्शनार्थी करेंगे। साथ ही भारत माता मन्दिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के संमुख से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर फेसिलिटी सेन्टर-1 एवं टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से दर्शन उपरांत (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर के लिये प्रस्थान करेंगे।