नासिक-काशी के 1 हजार कलाकार डमरू से देंगे प्रस्तुति, दत्त अखाड़ा पर परंपरागत वाद्ययंत्रों से माहौल बनेगा संगीतमय
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार भगवान महाकाल की सवारी को अब और भव्य बनाया जा रहा है। इसके तहत करीब 350 जवानों का पुलिस बैंड , एक हजार डमरू कलाकार और परंपरागत वाद्ययंत्रों का समावेश किया जा रहा है। गौरतलब है कि सीएम के निर्देश पर जनजातीय नृत्य दल को पहली सवारी से ही शामिल किया जा चुका है। यह दल सवारी में आकर्षण का केंद्र रहा था। अब डमरू दल, पुलिस बैंड और संगीतकारों की टीम सवारी में लोगों को आकर्षित करेगी।
मंगलवार शाम को सीएम की मीटिंग के बाद बुधवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भगवान महाकाल की सवारी की व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कई निर्णय लिये। कलेक्टर ने बताया कि भगवान की सवारी के श्रद्धा,उत्साह , उमंग और आकर्षण के क्रम में 29 जुलाई को सवारी में जनजातीय दलों के प्रस्तुतियां के साथ 350 जवानों के पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।
इसके बाद आगामी सवारी में नासिक, काशी से आए कलाकारों के डमरू की प्रस्तुतियां होगी। इसी के साथ सवारियों में दत्त अखाड़ा में भारतीय संगीत के परंपरागत वाद्य यंत्रों में केंद्रित प्रस्तुतियां भी होगी। कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों को तैयारियां करने के निर्देश दे दिये हैं।
सवारी में डीजे प्रतिबंधित
पहली सवारी में डीजे वाहन के कारण हरसिद्धी पाल पर हुई भगदड़ के बाद अब डीजे के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि हरसिद्धि पाल सहित बाबा महाकाल की सवारी के प्रमुख पॉइंट्स पर और बेहतर व्यवस्थाएं की जाए। सवारी में सम्मिलित होने वाली मंडलियों को ताकीद किया जाए कि ढोल, मंजीरे, डमरू इत्यादि परंपरागत वाद्य यंत्रों के अतिरिक्त डीजे आदि का उपयोग न करें। नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थलों पर लगाई गई एलईडी के माध्यम से सुचारू रूप से सवारी का लाइव प्रसारण किया जाए।
सीएम ने कहा था-सवारी को इतना आकर्षित बनायें कि विश्व रिकार्ड बन जाये
मंगलवार रात को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्चुअली बैठक लेकर कहा था कि सावन के महीने में धार्मिक स्थलों की बेहतर व्यवस्थाओं की चिंता करना हमारा कर्तव्य है। श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक और कार्यक्रम स्थलों पर व्यवस्थाएं अच्छी रहें। मंत्री अपने जिले में निकलने वाली सवारी में शामिल हों। कमिश्नर-कलेक्टर व्यवस्थाएं बनाए रखने के प्रयास करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा था कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादौं मास 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक मनाया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सभी सवारियों की बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं। सवारी का आकर्षण अच्छा हो। सवारी में बैंड एवं डमरु दल शामिल हों। इसे विश्व रिकार्ड बनाने का प्रयास करें। महाकाल बाबा की सवारी धूमधाम से निकलने का संदेश जाए। कांवडिय़ों के विश्राम करने के लिए शेड बनवाए जाएं।
बैठक में कलेक्टर ने प्रथम दिवस की सवारी निकलने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भीड़ व्यवस्थित रही, दर्शन भी ठीक से किए गए। उन्होंने सवारी मार्ग एवं मंदिर की व्यवस्थाओं की जानकारी दी।