विक्रम उद्योगपुरी पर 450 करोड़ रुपए और खर्च करने की तैयारी

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद बड़े उद्योगों की डिमांड आई, 473 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम उद्योगपुरी को विस्तारित करने 473 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रोसेस शुरू कर दी है। 15 नवंबर तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने के लिए उज्जैन कलेक्टर ने 6 गांवों की जमीन चिन्हित कर ली है और उसके मुआवजे के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस भूमि अधिग्रहण में 450 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आएगा।

उज्जैन-देवास मार्ग पर उज्जैन से लगभग 14 किमी और देवास से 18 किमी दूरी पर यह उद्योगपुरी नरवर गांव के पास है। इस इंडस्ट्रियल एरिया में पहले से 458 हेक्टेयर जमीन थी जो अब पूरी तरह से औद्योगिक संस्थाओं को दी जा चुकी है और ऐसे में सरकार को इसी के आस-पास के गांवों में इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट के लिए भूमि अधिग्रहण करना पड़ रहा है।

महाप्रबंधक राजेश राठौड़ ने बताया कि विक्रम उद्योगपुरी सात गांव में फैली है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद अब यहां यूरोप के ग्रेट ब्रिटेन और साउथ कोरिया के इंडस्ट्रियलिस्ट ने उद्योग लगाने के लिए जमीन की डिमांड करना शुरू कर दिया है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद यहां 200 एकड़ जमीन की डिमांड 31 उद्योगपतियों ने की है। औद्योगिक निवेश की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने यहां की 473 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण शुरू किया है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 60 दिन की अवधि में इसका अधिग्रहण पूरा कर लिया जाएगा।

वॉल्वो आइसर को चाहिए 70 एकड़ जमीन

यहां उद्योग लगाने के लिए वॉल्वो आइसर को सौ एकड़ जमीन चाहिए। अभी उपलब्धता के आधार पर 31 एकड़ जमीन वॉल्वो आइसर को दी गई है। इसके बाद अभी 70 एकड़ जमीन और दी जाना है। यह काम भूमि अधिग्रहण के बाद हो पाएगा। इसी तरह ग्रेट ब्रिटेन और साउथ कोरिया के कुछ निवेशकों ने यहां निवेश की इच्छा जताई है। इसे देखते हुए यहां जमीन का अधिग्रहण व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जमीन अधिग्रहीत करने के दौरान भूमि स्वामी को जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर दोगुना दाम देकर उसका अधिग्रहण किया जाएगा।

विक्रम उद्योगपुरी में आने वाले हैं यह उद्योग

डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी टाउनशिप में औद्योगिक, विनिर्माण, आवासीय, वाणिज्यिक, सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक होल्डिंग्स, शैक्षणिक संस्थान जैसे मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), ऑटोमोटिव और ऑटो घटक, आईटी और इंजीनियरिंग सेवा उद्योग शामिल होंगे।

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