सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने में अधिकारी नाकाम

अतिक्रमणकर्ता ने पंचायत को धमकी दी- कोई अतिक्रमण हटाकर दिखाए गर्दन हाथ में दे देंगे

धार, अग्निपथ। शासकीय जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के चलते गांवों का विकास बाधित हो गया है। वे बेरोकटोक खाली मैदान से लेकर तालाब, स्कूल परिसर, चरनोई जमीन पर भी कब्जा कर रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों के शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई नहीं किए जाने से उनके हौसले बुलंद हो गए हैं कि अब पंचायत प्रतिनिधियों को खुले आम धमकी दे रहे हैं कि कोई अतिक्रमण हटाकर दिखाए।

ग्राम पंचायत अनारद में करीब 50 हेक्टेयर शासकीय चरनोई भूमि पर अतिक्रमण है। वहीं पंचायत द्वारा गांव के तलाई मजरे पर बनाए गए सीसी रोड पर गांव के ही कमल पिता तोलाराम ने अवैध निर्माण कर पशु शेड बना लिया। इसकी शिकायत लोगों ने पंचायत को की तो सरपंच व ग्राम पंचायत के सचिव मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने को कहा। इस पर अतिक्रमणकर्ता ने विवाद कर पंचायत पदाधिकारियों को लौटा दिया। पंचायत ने तीन दिवस में अतिक्रमण तोडऩे का नोटिस दिया है।

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

अतिक्रमण नहीं हटाया तो ग्राम पंचायत ने धार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) को 15 अक्टूबर को आवेदन देकर तलाई मजरे के सीसी रोड पर कमल कटारे द्वारा अवैध पशु टीन शेड बनाकर आम रास्ता बंद करने की शिकायत की। जिसमें बताया कि संबधित द्वारा अतिक्रमण न हटाते हुए परिवार सहित लाठी लेकर विवाद करने आ गया और ग्राम पंचायत पदाधिकारियों को जान से मारने की धमकी देने लगे कि कोई अतिक्रमण हटाकर देखे उसकी गर्दन हाथ में दे देगें। ग्राम पंचायत के आवेदन में अतिक्रमण तत्काल हटाने के लिए आदेशित करने व कमल तोलाराम के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया। जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

खेत के रास्ते कर लिया अतिक्रमण

किसान लाखन कटारे में बताया कि अतिक्रमणकर्ता कमल ने मेरे खेत के रास्ते पर कब्जा कर अवैध रूप से दुकान बना दी गई है। इसकी तहसील कार्यालय में शिकायत भी की, मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते वह अन्य शासकीय भूमियों पर भी अतिक्रमण करने लगा है। प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से ग्राम पंचायत अतिक्रमण हटाने में असहाय।

शक्ति तो है और उपयोग कोई नहीं कर सकते

पंचायत राज अधिनियम में प्रावधान है कि पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा सकती है। मप्र पंचायत राज अधिनियम 1993 के तहत गांव की सार्वजनिक भूमि का प्रबंधन व उसमें अतिक्रमण रोकने का दायित्व ग्राम पंचायत को दिया गया है। ग्राम पंचायत को अतिक्रमण को हटाने की शक्तियां पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 56 के तहत दी गई है। पंचायत द्वारा नोटिस या समझाइश के बाद भी अतिक्रमणकारी द्वारा कब्जा न हटाने पर राजस्व विभाग के अधिकारी से शिकायत कर आगे की प्रक्रिया की जाती है।

मामले को दिखवाते

अगर आम रास्ते पर अतिक्रमण जैसा कुछ है तो हम गांव में जाकर दिखवाते हैं। लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है तो कार्रवाई की जाएगी।
– रोशनी पाटीदार, एसडीएम धार

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