गुजरात से उज्जैन आया 300 किलो नकली मावा जब्त

खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई : मिठाई के नाम से पैकेट आये, अंदर निकला मावा

उज्जैन, अग्निपथ। एक समय असली मावे के लिए पहचाने जाने वाले उज्जैन में भी अब नकली मावे का कारोबार फलफूल रहा है। खासकर त्यौहारों के वक्त सेहत से खिलवाड़ की यह जुर्रत व्यापारियों द्वारा खुलेआम की जा रही है। जिस पर अंकुश लगाते हुए प्रशासन ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की और 300 क्विंटल मावा जब्त किया है। खाद्य अधिकारी बसंत शर्मा ने बताया कि मावा गुजरात के अहमदाबाद से लाया गया है। इसे दुकानों पर सप्लाई किया जाना था।

बसंत शर्मा ने बताया कि गुजरात की एक बस से नकली मावा आने की सूचना प्रशासनिक टीम को मिली थी। खाद्य अधिकारी बीएस देवलिया टीम के साथ देवास नाका बस स्टॉप पर सिटी लिंक के ऑफिस पहुंचे। यहां अहमदाबाद से आई बस से जय श्री कृष्णा रजवाड़ी स्वीट के नाम से 10 पैकेट उतरे थे। ये पैकेट मिठाई के नाम से भेजे गए हैं। इनको चैक किया तो 300 किलो नकली मावा मिला। देवास गेट पुलिस ने श्री कृष्णा रजवाड़ी स्वीट के ऑनर प्रवीण जैन को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि नकली मावा 160 रुपए किलो खरीदा गया था। इसे उज्जैन में 200 से 260 रुपए किलो के भाव में बेचा जाना था। प्रवीण जैन के पास मिठाई बेचने का लाइसेंस भी नहीं मिला है।

अहमदाबाद के व्यापारी पर भी कार्रवाई होगी

खाद्य सुरक्षा अधिकारी बसंत शर्मा ने बताया कि नकली मावा 30-30 किलो के पैकेट में आया है, जबकि मिठाई का इतना बड़ा कोई पैकेट नहीं होता है। इसे वनस्पति पॉम ऑयल, शकर, मिल्क (स्किम्ड) पावडर और कलर डालकर बनाया गया है। इसी को मिठाई की दुकानों पर बेचा जाता है। इसका सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है।

शर्मा ने बताया कि अहमदाबाद से मावा भेजने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। बीएस देवलिया ने बताया कि नकली मावा खरीदने वाले दुकानदारों को सिर्फ अपने यहां भट्टी में गर्म करना होता है। ठंडा करने पर नकली मिठाई तैयार हो जाती है। इसे खाने से हार्ट संबंधी बीमारी होने का खतरा रहता है। टीम ने मावा को गर्म करवाया और उससे बनने वाली मिठाई का नमूना लेकर उसे भी जांच के लिये भेजा है।

टेलकम पावटर और चूना भी मिलाते हैं नकली मावे में

मावा में घटिया किस्म का मिल्क पाउडर मिलाया जाता है। इसमें टेलकम पाउडर, चूना, चॉक और सफेद केमिकल्स की मिलावट भी होती है। नकली मावा के लिए दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाया जाता है, जिससे उसमें फैट बन जाता है। कुछ लोग मावा में शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू भी मिलाते हैं। मावे का वजन बढ़ाने के लिए आलू और स्टार्च मिलाया जाता है। तीनों ही तरीकों से बने मावे का लिवर और किडनी पर घातक असर पड़ता है।

नकली मावा खाने से कई नुकसान

खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री शमाँ ने बताया कि मिल्क पाउडर में लैक्टोज मौजूद नहीं होता। इससे शरीर को एनर्जी नहीं मिलती है। मिल्क पाउडर में आर्टिफिशियल शुगर मिलाई जाती है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक है। स्किम्ड मिल्क पाउडर के इस्तेमाल से शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। इसमें दूध के मुकाबले कैल्शियम की मात्रा कम होती है। इसके साथ ही स्किम्ड मिल्क पाउडर को ठीक से स्टोर नहीं करने पर बैक्टीरिया पनप सकते हैं।

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