आईसीआईसीआई बैंक गबन में व्यापारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज

नागदा जं., अग्निपथ। आईसीआईसीआई बैंक में हुए लगभग डेढ़ करोड़ के घोटाले में शामिल शहर के एक खल व्यवसायी के खिलाफ पुलिस ने शुक्रवार को षड्यंत्र रचने के आरोप में प्रकरण दर्ज कर लिया है। इस पुरे मामले में अब अब 7 आरोपी हो गए है, इनमें 6 बैंक के अधिकारी भी शामिल है। पुलिस प्रकरण की खबर कि सूचना मिलते ही आरोपी व्यापारी शंभू पोरवाल फरार हो गया है।

इधर पुलिस की कार्रवाई के दौरान व्यापारी पोरवाल के भतीजे गोपाल पोरवाल ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। युवा व्यापारी पोरवाल ने गुरुवार शाम को जहरीला प्रदार्थ खा लिया। हालांकि अभी उसकी हालात खतरे से बाहर और इंदौर के एक निजी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा ने बताया कि जांच में यदि गोपाल पोरवाल की भूमिका भी संदिग्ध हुई तो उसके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

पुलिस ने बैंक अधिकारी दिलीप व्यास के बयान के आधार पर जवाहर मार्ग निवासी शहर के खल व्यवसायी शंभू पोरवाल के खिलाफ 109, 120 बी तथा मध्यप्रदेश अधिनियम 1937 की धारा 3-4 में प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने पोरवाल की तलाश में उसके निवास स्थान पर दबिश भी दी। लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली। गौरतलब है कि व्यापारी पोरवाल के खिलाफ नागदा, जावरा व खंडवा के पुलिस थाने में नकली खाद्य व यूरिया का व्यापार करने का भी प्रकरण दर्ज है।

ज्ञात हो कि आईसीआईसीआई बैंक के खातेदार लगभग 30 किसानों ने पुलिस थाने में शिकायत की थी उनके खाते में बैंक अधिकारियों ने निकाल लिए। पुलिस जांच में यह सामने कि बैंक अधिकारियों ने किसानों के खाते में उनके चेक के माध्यम से लगभग 1 करो? 57 लाख से अधिक की राशि निकाल ली।

पुलिस ने किसानों की शिकायत के आधार पर केसीसी विभाग के अधिकारी दिलीप व्यास, बैंक मेनेजर वैभव पिता ओमप्रकाश बडेरा निवासी वेद नगर उज्जैन, डिप्टी मैनेजर दिनेश पिता सिद्वनाथ राठौर निवासी शिवलोक खजूरी थाना सांरगपुर जिला राजगढ़, कैशियर सुशील कुमार पिता रामगोपाल मीणा निवासी शिवलोक खजूरी कला पिपलानी भोपाल, कंज्यूमर सर्विस ऑफिसर अंकित पिता रमेश कपूर निवासी कृष्ण परिसर थाना नानाखेड़ा उज्जैन, यशपाल सोलंकी पिता ईश्वर सोलंकी निवासी राजपूत मोहल्ला नरवर जिला उज्जैन के खिलाफ भादवि की धारा 420, 409, 468, 471 में प्रकरण दर्ज किया है। इन सब के पास से पुलिस ने दो कार व लगभग 18 लाख रु भी जब्त कर लिए है।

गबन करने हेतु उकसाने का भी मामला

मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि शंभू बैंक में किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी का मास्टर माइंड हो सकता है। चूंकि पोरवाल ने धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी दिलीप व्यास को नवंबर 2019 में 25 लाख रुपये ब्याज पर उधार दिए थे। उसके बदले में वह उससे अभी तक 90 लाख रूपये वसूल कर चुका था। रिमांड के दौरान बैंक अधिकारी ने यह बात पुलिस को बताई थी। सूत्रों के मुताबिक जब व्यास ने ब्याज देने में असमर्थता जताई तो व्यापारी पोरवाल ने बैंक अधिकारी व्यास को किसानों के खाते में गबन करने का रास्ता बताया। साथ ही व्यापारी व बैंक अधिकारी दोनों ने मिलकर किसानों के खाते में से गबन कर निकाले लगभग 23 लाख ब्याज पर वितरण किए।

जानकारी जुटाई जा रही है

आईसीआईसीआई बैंक में किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में व्यास के कथनों में जवाहर मार्ग निवासी खल व्यवसायी शंभु पोरवाल का नाम सामने आया है। व्यवसायी के विरूद्ध धारा 109, 120-बी एवं मध्यप्रदेश अधिनियम 1937 की धारा 3-4 में अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। व्यवसायी के विरूद्ध अन्य स्थानों पर भी अपराधिक प्रकरण दर्ज है जिसकी जानकारी एकत्रित की जा रही है। – श्यामचंद्र शर्मा, थाना प्रभारी, नागदा

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