सिंहस्थ में आधुनिक तकनीक से निगरानी होगी

ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन के साथ आपात स्थिति का तुरंत पता चलेगा; एसपी ने सभी विभागों के साथ बैठक कर की चर्चा

उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ 2028 में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सिंंहस्थ क्षेत्र में निगरानी की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जाएगा। इससे भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और किसी भी आपात स्थिति का तुरंत पता लगाया जा सकेगा। फेस रिकग्रिशन तकनीक का कार्यान्वयन सुरक्षा व्यवस्था को और उन्नत करने के लिए चेहरों की पहचान करने वाली तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीक संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और गुमशुदा व्यक्तियों का पता लगाने में सहायक होगी।

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर एसपी प्रदीप शर्मा ने बुधवार को सभी विभागों के सथ पुलिस कंट्रोल रूम पर विशेष बैठक आयोजित की। इस बैठक में सभी विभागों ने आधुनिक तकनीक के माध्यम से सिंहस्थ को लेकर अपनी तैयारियों का प्रजेंटेशन दिया। फायर विभाग ने आगजनी की घटनाओं को रोकने और तुरंत कार्रवाई करने के लिए अग्रिशमन विभाग को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने की बात की।

रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम का आधुनिकीकरण- सभी संबंधित विभागों के बीच तुरंत और प्रभावी संचार प्रणालियों को अपग्रेड किया जाएगा।बीडीडीएस बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड को अत्याधुनिक उपकरण औश्र प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ताकि किसी भी प्रकार की विस्फोटक सामग्री का तुरंत पता लगाकर उसे सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय किया जा सके।

होमगार्ड और ट्रैफिक विभाग की सहभागिता होमगार्ड और ट्रैफिक पुलिस को भीड़ प्रबंधन और ट्रैफि क नियंत्रण के लिए विशेष प्रशिक्षण और नए उपकरण दिए जाएंगे। बैठक में आधुनिक तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के व्यापक उपयोग पर जोर दिया गया। एसपी ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे नई और उन्नत तकनीकों को अपनाकर सिंहस्थ मेले को प्रबंधित करने की योजना तैयार करें।

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