नए नियम के तहत एमबीबीएस होना भी जरूरी, लैब संचालकों को नोटिस।
धार, (आशीष यादव) अग्निपथ। निजी पैथालॉजी चलाने वालों की अब खैर नहीं। सरकार के सख्त नियम के चलते प्रशासन व सरकार का डंडा चलेगा व सही जानकारी भी देना होगी। निजी पैथालॉजी लैब के नए नियमों को लेकर शासन ने धार जिले के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) से रिपोर्ट मंगाई है। स्वास्थ्य विभाग के नए आदेश के मुताबिक अब सिर्फ लैब टेक्नीशियन निजी पैथालॉजी लैब का संचालन नहीं कर सकेंगे। नई पैथोलॉजी लैब खोलने के लिए भी कम से कम एमबीबीएस होना अनिवार्य कर दिया गया है। किसी पैथोलॉजी लैब में 2 पैथोलॉजिस्ट हैं तो दोनों का टाइम बताना जरूरी कर दिया गया है।
अगर नियमों की बात करें तो लैब चलाने के लिए इतने कठोर नियम है। इन नियमों से अगर लैब का संचालन किया जाए तो जिले में शायद ही कोई लैब चल सके। मगर इन दिनों जिला मुख्यालय के साथ-साथ जिले में कई जगह 10 बाय 10 के कमरों में लैब संचालन किया जा रहा। वहीं यहां काम करने वाले कर्मचारी भी बिना योग्यता के ही कार्य कर रहे हैं। एक लाइसेंस पर पांच-पांच लैब संचालित हो रही है।
जिले में 40 से अधिक लैब
जिले में इस समय 40 से ज्यादा निजी पैथालॉजी लैब संचालित हो रहे हैं। इनमें आधी से ज्यादा पैथालॉजी लैब में केवल टेक्नीशियन ही काम कर रहे हैं। उनके यहां कोई प्रशिक्षित पैथोलॉजिस्ट नहीं हैं। ऐसे में वे निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को बुलाकर या तो लैब में विजिट करवाते हैं अथवा उनके निजी अस्पतालों में जाकर रिपोर्ट में केवल साइन करवाते हैं। वही जिसके चलते सही रिपोर्ट मरीजों को नहीं मिल पाती है।
एक पैथोलॉजिस्ट दो पैथोलॉजी कार्य कर सकेगा
अभी तक एक व्यक्ति 2 से अधिक लाइसेंस लेकर नियम विरुद्ध लैब संचालन करता था। मगर नए नियम के अनुसार योग्यताधारी निजी पैथोलॉजिस्ट स्वयं की प्रयोगशाला के अलावा केवल एक अन्य प्रयोगशाला में पैथोलॉजिस्ट के रूप में सेवाएं इस शर्त पर दे सकेंगे कि उस प्रयोगशाला में की जा रही सभी जांचें उनके सीधे सुपर विजन में की गई हैं।
ऐसा नहीं होने पर प्रशासन व स्वास्थ विभाग इन पर कार्रवाई करेगा। इसके अलावा जो पैथोलॉजिस्ट अपनी स्वयं की प्रयोगशाला संचालित नहीं करते हैं वे विजिटिंग पैथोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं अधिकतम 2 प्रयोगशालाओं में दे सकेंगे।
नए नियम सरकारी के लिए नहीं
पैथोलॉजी लैब के लिए बने शासन के नए नियम केवल निजी पैथालॉजी लैब में अंकुश लगाने के लिए बनाए गए हैं। इसमें सरकारी पैथोलॉजी में लागू नियमों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी कारण शासन द्वारा निजी पैथोलॉजी लैब की जांच करवाई जा रही है।
टेक्नीशियन बने संचालक, इसलिए आदेश
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल के नए आदेश के अनुसार विभाग के संज्ञान में यह बात सामने आई है कि जिले के कई पैथालॉजी लैब व कलेक्शन सेंटर का संचालन तकनीशियन द्वारा किया जा रहा है। इसमें प्रतिदिन पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट द्वारा विजिट कर उचित परीक्षण नहीं किया जा रहा है। इस कारण गुणवत्तापूर्ण जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो रही है।
सभी को नोटिस जारी कर मांगी है रिपोर्ट
जिले में लगभग 40 निजी पैथालॉजी लैब संचालित हो रही हैं। सभी को नोटिस जारी करके उनसे लैब संबंधी जानकारी मांगी गई है। सभी के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। डॉक्टरों और टेक्नीशियन की जानकारी भी मांगी गई है। नियम विरुद्ध लैब का संचालन पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. आरके शिंदे सीएमएचओ धार