ये बदलता भारत है उज्जैन में ही आईटी छात्रों को काम मिलेगा: डॉ. यादव

आईटी पार्क का मुख्यमंत्री ने किया भूमिपूजन

उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को 46 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आईटी पार्क का भूमि पूजन किया। यह कार्यक्रम 5 घंटे देरी से शुरू हो सका। इंजीनियरिंग कॉलेज इंदौर रोड पर आयोजित कार्यक्रम में मध्यप्रदेश शासन के कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री और उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल सांसद बालयोगी उमेश नाथ जी महाराज विधायक सतीश मालवीय, महापौर जितेन्द्र पंड्या आदि शामिल हुए।

शा.इंजीनियरिंग कॉलेज के समीप इंदौर रोड़ पर 46 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले आईटी पार्क का भूमि पूजन सीएम डॉ मोहन यादव ने किया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले बटुको के साथ भूमि पूजन में शामिल हुए इसके बाद मंच पर डीप प्रज्वलित कर सीएम ने कार्यक्रम की शुरुआत कि। आईटी पार्क के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं पहुंचे थे।

सीएस राघवेंद्र सिंह ने मंच से नई बनने वाली बिल्डिंग की जानकारी दी। जिसके बाद सीएम ने उपस्थित लोगो को सम्बोधित किया। सीएम ने बदलते दौर के भारत की बात कही। उन्होंने कहा कि 46 करोड़ से आईटी पार्क बनेगा। इसके माध्यम से एक हजार रोजगार मिलेगा।

व्यवसायिक स्तर की संभावना बढ़ेगी। एमपी आईटी के बड़े के हब के रूप में स्थापित हुआ है। 250 से ज्यादा कम्पनिया एमपी फिलहाल काम कर रही है। इंदौर और भोपाल आईटी का बड़ा मार्केट बना है। उज्जैन में आयति पार्क बनने से आने वाले समय में काम के लिए अन्य शहर या राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।पूना बेंगलोर और विदेशो तक छात्र जाते है लेकिन अब तो इंदौर जाने की भी जरूरत नहीं उज्जैन में ही रोजगार मिल सकेगा।

कांग्रेस पर भी बोले

कांग्रेस के मित्रो से कहना चाहता हु की चुनाव के दौरान लड़े घमासान करे जो मर्जी आये करे लेकिन परिणाम के बाद देश को आगे बढ़ाने में एक दूसरे का साथ दे। ये देश का युवा इन्तजार कर रहा है।

2 चरणों में बनेगा आईटी पार्क

उज्जैन के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर जल्द ही आईटी पार्क बनेगा। भूमि पूजन के बाद इसका कार्य शुरू हो जाएगा। पहले चरण में 46 करोड़ रुपये में आईटी पार्क का निर्माण मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के माध्यम से होगा। एमपीआईडीसी के निदेशक राजेश राठौर ने बताया कि इसे दो चरणों में बनाया जाएगा। इसमें कई कंपनियों और स्टार्टअप को जगह दी जाएगी। आईटी पार्क की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर टेंडर भी हो चुका है। जल्द ही सात मंजिला आईटी पार्क में इन्क्यूबेशन सेंटर, रिसर्च सेंटर, आईटी कंपनियों के लिए और स्टार्टअप करने वालों के लिए जगह होगी, जिससे कई युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने और नौकरियों के अवसर मिल सकेंगे।

ऐसा होगा उज्जैन का आईटी पार्क

एमपीआईडीसी के राजेश राठौर ने बताया कि हम इस आईटी पार्क में टेक कंपनियों और स्टार्टअप को सभी प्रकार की एडवांस सुविधाएं प्रदान करेंगे। यह उज्जैन का पहला आईटी पार्क होगा। सरकार का इस बात पर जोर है कि स्थानीय युवाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाए। आईटी पार्क से उज्जैन में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। आईटी पार्क 2.161 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। इसमें 11239 वर्ग मीटर में बिल्डिंग बनेगी, जिसकी ऊंचाई 31.7 मीटर होगी। हर फ्लोर पर टॉयलेट, कैफेटेरिया, ड्रिंकिंग वाटर, लिफ्ट और ऑफिस के लिए हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर 59 कार पार्किंग की व्यवस्था होगी।

इन कंपनियों ने जताई रुचि

उज्जैन के आईटी पार्क में कार्य करने के लिए प्रारंभिक तौर पर 11 कंपनियों ने रुचि दिखाई है।

  1. वर्की प्रायवेट लिमिटेड
  2. वेपगो आई.टी. सर्विसेस प्रायवेट लिमिटेड
  3. एयरविन्सीबल
  4. एम.आर. सॉफ्टवेयर
  5. आई.टी. गीक्स टेक्नॉलोजिस प्रा. लिमिटेड
  6. अमुल्यम ग्लोबल प्रायवेट लिमिटेड
  7. जेट वेव सोल्यूशन्स प्रायवेट लिमिटेड
  8. इवे आई.टी. सोल्यूशन्स प्रायवेट लिमिटेड
  9. ट्रीवीमा सोल्यूशन्स प्रायवेट लिमिटेड
  10. बेस्टपियर्स इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड
  11. कम्प्यूटरोनिक्स सिस्टम इंडिया प्रा. लि.

भविष्य की योजना

  • आईटी पार्क का निर्माण 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य।
  • दूसरे चरण में क्षेत्र और सुविधाओं का विस्तार, जिससे और अधिक कंपनियों और निवेशकों को आकर्षित कर सके।
  • उज्जैन को एक मल्टी-फंक्शनल टेक्नोलॉजी सिटी के रूप में विकसित करने की योजना।
  • यह आईटी पार्क उज्जैन के लिए केवल एक इमारत नहीं है, बल्कि यह शहर के आर्थिक और डिजिटल भविष्य की मजबूत नींव है। इस परियोजना के माध्यम से उज्जैन न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के तकनीकी मानचित्र पर अपनी जगह बनाएगा।

सीएम डोंगला में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए

मुख्यमंत्री डॉ. यादव डोंगला वराह मिहिर वेधशाला में आयोजित खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में उज्जैन के एनआईसी कक्ष में वीसी के माध्यम से जुड़े। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान का उद्गम स्थल रहा है। भारत ने हमेशा विश्व को रास्ता दिखाया है, प्राचीन काल से ही भारत देश ने विश्व गुरु की भूमिका निभाई है। हमारी प्राचीन परंपराओं ने विश्व को नई दिशा दिखाई है। अणु-परमाणु की व्याख्या, ब्रह्मांड के रहस्य, पेड़-पौधों में जीवन का सिद्धांत, सब हमारे दर्शन से ही लिया गया है।

उन्होंने कहा हमारे पंचांग इतने सटीक है कि वह आज भी सूर्य और चंद्र ग्रहण का सटीक समय बताते हैं भारत अध्यात्म, विज्ञान, खगोल, चिकित्सा जैसे अनेकानेक क्षेत्रों में विश्व जगत का नेतृत्व करता रहा है। आज भी भारत पूरे विश्व के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।