उज्जैन, अग्निपथ। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा मान्यता एवं मान्यता नवीनीकरण को लेकर बनाए गए नियमों से प्रदेश के हजारों स्कूलों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है वही नए नियम के कारण प्रदेश के हजारों स्कूल बंद हो जाएंगे मध्य प्रदेश के सभी प्रदेश स्तरीय संगठनों ने मिलकर विभिन्न मांगों को लेकर 30 जनवरी को सभी अशासकीय स्कूलों को बंद करने का शंखनाद किया है इसका समर्थन उज्जैन के संभागीय अशासकीय शाला संगठन एवं अशासकीय शाला प्रतिनिधि संगठन ने करते हुए शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के सभी स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है।
प्रदेश संगठन ने राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा मान्यता को लेकर इस वर्ष रजिस्टर्ड किरायानामा एवं सुरक्षा निधि का आदेश वापस लिए जाने एवं निशुल्क शिक्षा राशि समय पर दिए जाने एवं मान्यता शुल्क में वृद्धि निरस्त करने जैसी मांगों को लेकर पूर्व में लगभग एक माह तक ज्ञापन एवं मांग पत्र आंदोलन चलाया था। जिसके तहत जिला प्रशासन विधायक सांसद आदि को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया था।
वहीं प्रदेश के संगठनों द्वारा राज्य शिक्षा केंद्र का घेराव किया जाकर उपरोक्त आदेश को निरस्त करने की मांग की थी। इसके बाद भी अभी तक स्कूलों को कोई राहत नहीं दी गई। मजबूरीवश प्रदेश के सभी संगठनों ने मिलकर सामूहिक निर्णय लेकर 30 जनवरी को स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया। उज्जैन में भी कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी डी पी सी आदि को इस संबंध में ज्ञापन दिए गए थे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के लगभग 28000 स्कूलों में से 25000 स्कूल किराए के भवनों में चल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे स्कूलों को रजिस्टर्ड किरायानामा बनाए जाने में संविदा पोर्टल के कारण भारी परेशानी आ रही है। वही रजिस्टर्ड किरायानामा बनवाने में स्कूलों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। इसके पूर्व वर्षों से राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा नोटरीकृत किरायानामा स्वीकार किया जा रहा था।
इसी प्रकार सुरक्षा निधि की राशि भी आवश्यक कर दी गई है जबकि विद्यालय द्वारा इस प्रकार की कोई भी राशि विद्यार्थियों एवं पालकों से नहीं ली जाती है।
निशुल्क शिक्षा अधिनियम में स्पष्ट रूप से नियम है कि निशुल्क शिक्षा की राशि सत्र समाप्ति के बाद। अशासकीय स्कूलों को दी जाना चाहिए किंतु सरकार द्वारा पिछले दो वर्षो की राशि अभी तक स्कूलों को नहीं दी गई है वहीं मध्य प्रदेश में निशुल्क शिक्षा की राशि देश के अन्य राज्यों की तुलना मे सबसे कम मात्र 600 के लगभग दी जा रही है।
वहीं मान्यता शुल्क आदि में भी हर साल वृद्धि की जा रही है इसके कारण भी गरीब पिछड़े क्षेत्रों में स्कूलों को चलाया जाना असंभव हो गया है।
अंतत: प्रदेश के सभी प्रदेशिक संगठन जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, प्रदेश सोपास संगठन, प्रदेश संचालक मंच एवं अशासकीय शाला संगठन मध्य प्रदेश द्वारा सामूहिक रूप से आंदोलन के प्रथम चरण में 30 जनवरी को स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया साथ ही अभी निर्णय लिया गया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी प्रदेश के कोई भी स्कूल संचालक मान्यता एवं मान्यता नवीनीकरण के आवेदन लॉक नहीं करेंगे। आज प्रदेश सहित उज्जैन के 28000 से अधिक अशासकीय स्कूल रजिस्टर्ड किरायानामा एवं एफ़ डी आदि मांग को लेकर बंद।
नए नियमों के विरोध में 20000 से अधिक स्कूलों ने नवीन मान्यता के आवेदन नहीं किये
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा पहली बार मान्यता आवेदन के साथ रजिस्टर्ड किरायानामा एवं सुरक्षा निधि की राशि एवं मान्यता शुल्क में वृद्धि करने से प्रदेश के 28000 से अधिक स्कूलों में से 20000 से अधिक स्कूलों द्वारा अभी तक मान्यता के आवेदन नहीं भरे गए हैं यह स्थिति देखते हुए केंद्र द्वारा मान्यता आवेदन की तिथि 31 जनवरी कर दी गई किंतु प्रदेश के सभी संगठनों द्वारा इसका भारी विरोध करते हुए मान्यता आवेदन नहीं करने का निर्णय लिया गया।